रायगढ़ में NTPC की मनमानी : हनुमान मंदिर पर चला जेसीबी, मूर्ति खंडित – आस्था को रौंदने वालों पर FIR की मांग…

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में NTPC की जमीन अधिग्रहण कार्रवाई धार्मिक विवाद में बदल गई है। आरोप है कि कंपनी और प्रशासन की मौजूदगी में जेसीबी चलवाकर हनुमान मंदिर तोड़ दिया गया और मूर्ति खंडित कर उठाकर कहीं फेंक दी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सिर्फ जबरन बेदखली नहीं, बल्कि हिंदू आस्था का अपमान है।
“बिना मुआवजा दिए घर उजाड़ा, मूर्ति भी तोड़ी” : चोटीगुड़ा निवासी शोभनाथ मिश्रा ने थाने में शिकायत देकर कहा कि 11 सितंबर को नोटिस मिला और अगले ही दिन 12 सितंबर की सुबह NTPC अधिकारी, SDM और प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में उसका मकान जेसीबी से ढहा दिया गया। जबकि परिवार को अभी तक उचित मुआवजा नहीं मिला था।
मिश्रा का आरोप है कि मकान के आंगन में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा को जानबूझकर खंडित किया गया। उन्होंने पहले ही मांग रखी थी कि अगर मूर्ति हटानी है, तो धार्मिक विधि-विधान से दूसरे स्थान पर प्रतिष्ठित की जाए। लेकिन कंपनी ने न आस्था की परवाह की, न कानून की।
ग्रामीणों का गुस्सा : “हिंदू भावना को रौंदा गया” – गांव के अजीत गुप्ता ने कहा “NTPC ने मूर्ति को जबरन उठाकर ले जाया। पूजा-पाठ के बिना भगवान की प्रतिमा को तोड़ना हमारी आस्था पर सीधा हमला है। अगर FIR दर्ज नहीं हुई तो हम कंपनी गेट पर उग्र आंदोलन करेंगे।”
सरपंच और कंपनी का पलटवार : ग्राम सरपंच भूपदेव सिदार ने कहा कि मकान मालिक ने कई मूर्तियां रखी थीं, जिनमें से टूटी प्रतिमा की गांव में पूजा नहीं होती थी। वहीं NTPC जनसंपर्क अधिकारी यशराज सोनी का दावा है कि चोटीगुड़ा के 350 परिवार मुआवजा लेकर विस्थापित हो चुके हैं, सिर्फ 4-5 परिवार जिद पर टिके हैं। उनके मुताबिक बाहर स्थित मंदिर सुरक्षित है, पर अंदर की घटना की जांच हो रही है।
सवाल कटघरे में :
- क्या NTPC और प्रशासन ने जानबूझकर धार्मिक स्थल को रौंदा?
- मुआवजा दिए बिना परिवार को क्यों उजाड़ा गया?
- मंदिर और मूर्ति की सुरक्षा का जिम्मेदार कौन?
अब आंदोलन की आहट : गांव में माहौल गरमा चुका है। लोग कह रहे हैं कि अगर दोषी अफसरों और कंपनी कर्मियों पर FIR दर्ज नहीं की गई, तो यह मामला आंदोलन की चिंगारी बनेगा। ग्रामीण साफ चेतावनी दे रहे हैं “भगवान का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।”