सारंगढ़-बिलाईगढ़

सारंगढ़-बिलाईगढ़ :जिले के चिरायु टीम स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों में कर रही नियमित स्वास्थ्य परीक्षण…

सारंगढ़-बिलाईगढ़। कलेक्टर धर्मेश साहू के निर्देश पर जिले के समस्त सात चिरायु टीम अपने दैनिक स्वास्थ्य परीक्षण का कार्यक्रम समस्त स्कूलों में कर रही है। अप्रैल से सितंबर तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रथम बार और अक्टूबर से मार्च तक द्वितीय बार स्वास्थ्य परीक्षण करती है। अभी लगभग सभी टीमो ने आंगनबाड़ी केंद्रों का प्रथम भ्रमण पूरा कर लिया है। इसके साथ ही अप्रैल से मार्च तक पुरे सत्र में एक बार स्कूलों में जाकर स्वास्थ्य परीक्षण करती है, जो लगातार जारी है। इस सत्र अप्रैल से जुलाई 2024 तक जिले भर के कुल आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 1114 में कुल दर्ज बच्चे 56632 में से 51364 बच्चों की जांच हुई है। इसी तरह जिले में कुल स्कूलों की संख्या 1389 जिनमे दर्ज बच्चे 86059 में से 8866 बच्चों का स्वास्थ्य जांच टीम ने किया है। आंगनबाड़ी व स्कूल सभी के जांचोपरांत कैटेगरी “ए” के तहत 16 बच्चे चिन्हांकन के पश्चात 6 बच्चों का ईलाज हुवा है, कैटेगरी “बी” के तहत 1059 बच्चों के चिन्हांकन होकर 1052 बच्चों का ईलाज हुवा है, कैटेगरी “सी” के तहत 936 बच्चों के चिन्हांकन के बाद 930 बच्चों का ईलाज पूर्ण तथा कैटेगरी “डी” के अंतर्गत 2558 बच्चों के चिन्हांकन पर 2550 बच्चों का ईलाज हो पाया है। कुल 31 बच्चों का ईलाज अभी लम्बित है, जिनको ईलाज हेतु अपने स्वास्थ्य विभाग के टीम द्वारा प्रेरित किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एफ आर निराला के मार्गदर्शन में सभी चिरायु टीम अपने रुट प्लान के तहत पूरी शिद्दत से यह कार्य कर रही है। सामान्य व जटिल बीमारियों से ग्रसित चिन्हित बच्चों का ईलाज भी टीम अपने अधीनस्थ व अधिकृत अस्पतालों में करवाती है। स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही साथ स्वास्थ्य शिक्षा भी टीम के द्वारा उपस्थित बच्चों को दिया जाता है। जनजागरुकता से कई प्रकार के बीमारियों से बचा जा सकता है इस हेतु जिले की चिरायु टीम बच्चों को हाथ धोने के सही तरीके, तम्बाकू के दुष्प्रभाव, विटामिन (ए) की कमी हेतु – चल रहे शिशु संरक्षण माह में विटामीन ए घोल पिलाना, एनीमिया (रक्ताल्पता), बेटियों को माहवारी शिक्षा (महिला डॉक्टर के द्वारा), जन्मजात विकृति व उनके ईलाज, सिकल सेल प्रबंधन जांच व ईलाज, कुष्ठ की पहचान व ईलाज, टी बी के लक्षण, पहचान व ईलाज, फाइलेरिया (हाथी पॉव) की पहचान व बचाव, दृष्टि दोष के बारे में जानकारी,पहचान व ईलाज, आयरन व कृमि गोली के फायदे, मौसमी बीमारियों से बचने के तरीके, खान-पान के तरीके, स्टॉप डायरिया कैम्पेन – पहचान, बचाव व ईलाज आदि के बारे में विस्तृत चर्चा अपने दैनिक स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान टीम सम्बंधित स्कूलों में करती है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एफ आर निराला ने जानकारी दी कि आगामी 6 अगस्त को पैरेंट्स टीचर मीटिंग का महाअभियान स्कूलों में होना है इसमें सभी टीम अपने प्लान के मुताबिक जाकर बच्चों, परिजनों व शिक्षकों के समक्ष स्वास्थ्य पर चर्चा परिचर्चा का आयोजन करेंगे। समुदाय में फैलने वाले मौसमी बीमारियों की पहचान व बचाव के तरीके के बारे में स्वास्थ्य विभाग के मोबाईल टीम (चिरायु) के द्वारा जनजागरूकता किया जाएगा।  जिला नोडल अधिकारी (चिरायु) डॉ प्रभुदयाल खरे ने जानकारी दी कि “जिले में सात चिरायु टीम कार्यरत हैं, जिनके द्वारा अपने टारगेट के अनुसार सारे स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों को कवर-अप किया जाता है। गम्भीर व जन्मजात रोगों के ईलाज की व्यवस्था भी राज्य स्तर व राज्य के बाहर होने की सुविधा भी चिरायु टीम के माध्यम से होता है।

Ambika Sao

सह-संपादक : छत्तीसगढ़
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