जशपुर

विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन ही पत्थलगांव विधायक गोमती साय ने पूछे सवाल

पत्थलगांव। विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। और यह सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। सत्र के पहले दिन ही पत्थलगांव विधायक गोमती साय ने अपने क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को लेकर कई सवाल उठाए। जिसका जबाब सत्र के पहले दिन सीएम विष्णुदेव साय, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप अपने विभाग से जुड़े प्रश्नों का उत्तर दिए।

 

*पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अवैध खनिज के परिवहन के दर्ज प्रकरण तथा कृत कार्यवाही [खनिज साधन)*

विधायक श्रीमती गोमती साय ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022-23 से 28 जून, 2024 तक अवैध खनिज भण्डारण उत्खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं और उन प्रकरणों पर क्या कार्यवाहियां की गई? जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश “क” अंतर्गत क्या अवैध खनिज को तथा वाहनों को जब्त भी किया गया? यदि नहीं तो क्यों? क्या समझौता राशि लेकर अवैध खनिज तथा वाहनों को छोड़ने का प्रावधान है? कितने प्रकरणों में समझौता राशि लेकर वाहनों को छोड़ा गया? (ग) खनिजों के अवैध उत्खनन्, भंडारण तथा परिवहन को रोके जाने के लिए क्या-क्या उपाय किये जा रहे हैं?

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जबाब दिया कि (क) जशपुर जिले के पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022-23 से 28 जून, 2024 तक खनिजों के अवैध उत्खनन के 06 प्रकरण, अवैध परिवहन के 09 प्रकरण एवं अवैध भण्डारण के 01 प्रकरण दर्ज किया जाकर, खान और खनिज (विकास और विनियमन), अधिनियम 1957 की धारा 21 में उल्लेखित प्रावधानों के तहत् कार्यवाही कर समझौता राशि 3 लाख 12 हजार 066 रूपये वसूत की गई है। (ख) जी हां। प्रश्नांश “क” अंतर्गत दर्ज प्रकरणों में खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम् 1957 की धारा 21(4) के तहत् अवैध उत्खनन में संलिप्त वाहनों को जप्ती कर धारा 21(5) एवं 23 (क) उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही करते हुए समझौता राशि वसूल किये जाने उपरांत जप्त खनिजों एवं वाहनों को मुक्त किया गया है। 07 प्रकरणों में समझौता राशि वसूल किया जाकर वाहनों को छोड़ा गया है। (ग) जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन् परिवहन तथा भंडारण को रोकने के लिए जिला स्तरीय टास्कफोर्स समिति (राजस्व, पुलिस, वन, परिवहन एवं खनिज विभाग) के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया जाकर अवैध उत्खनन/परिवहन/भण्डारण की संयुक्त जांच की जाती है। जिले के खनिज अमले द्वारा औचक जांच किया जाकर अवैध उत्खनन/परिवहन/भण्डारण पर नियंत्रण किया जाता है।

 

*जिला जशपुर में हाथियों से ग्रामीणों की आकस्मिक मृत्यु होने पर मुआवजा [वन एवं जलवायु परिवर्तन]*

 

विधायक श्रीमती गोमती साय ने पूछा कि क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जशपुर में वर्ष 2021-22 से 28 जून, 2024 तक हाथियों से ग्रामीणों की आकस्मिक मृत्यु हुई है?यदि हां तो इसकी रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या-क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (ख) जिला जशपुर में उक्त अवधि में थी से मृत्यु होने की संख्या कितनी है? विकासखण्डवार जानकारी दी जावे? (ग) हाथियों से मृत्यु होने पर उस परिवार को राज्य शासन द्वारा किस प्रकार की सहायता प्रदान दी जाती है? वर्ष 2021-22 से 28 जून,

2024 तक ऐसे कितने परिवारों को सहायता राशि का वितरण कितना कितना किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी प्रदान की जावे? सहायता राशि प्रदान करने हेतु प्रकरण लंबित हैं? लंबित प्रकरणों में सहायता राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी?

 

वन मंत्री केदार कश्यप ने जबाब दिया कि (क) जी हाँ, जशपुर जिला में हाथियों से प्रश्नावधि में 47 ग्रामीणों की मृत्यु हुई है। इनकी रोकथाम हेतु शासन द्वारा उठाये गये उपायों की जानकारी संलग्नप्रपत्र “अ” अनुसार है। (ख) जशपुर जिला में प्रश्नावधि में हाथी से जनहानि की कुल 47 प्रकरण दर्ज किये गये है। विकासखण्डवार विस्तृत जानकारी संलग्न प्रपत्र “व” अनुसार है। (ग) हाथियों से मृत्यु होने पर परिवार के आश्रितो को छ.ग.शासन, वन विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 7-32/2003/10-2, दिनांक 29.06.2019 द्वारा आश्रित परिवार को रूपये 6,00000/- की सहायता (क्षतिपूर्ति) राशि प्रदान करने का प्रावधान है। प्रश्नाधीन अवधि में 47 आश्रित परिवारों को रूपये 2,82,00,000/-(दो करोड़ बयासी लाख रूपयें) की सहायता राशि का वितरण किया गया है। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न प्रपत्र “ब” अनुसार है। सहायता राशि प्रदान करने हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

 

*विधानसभा सत्र में प्राकृतिक आपदा प्रभावित परिवार को सहयोग राशि के लंबित प्रकरणों पर कार्यवाही [राजस्व एवं आपदा प्रबंधना को लेकर संबधित मंत्री जी से सवाल उठाए*

 

विधायक श्रीमती गोमती साय ने पूछा क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक प्राकृतिक आपदा से कितनी-कितनी संख्या में जिलेवार आकस्मिक मृत्यु हुई? (ख) आपदा प्रबंधन अंतर्गत परिवार के सदस्य को दी जाने वाली सहायता राशि कितने लोगों को वितरित की गयी, जिलेवार जानकारी प्रदान की जावे? (ग) कितने प्रकरण अब तक कितने महीनों से लंबित हैं? लंबित होने का क्या कारण है? लंबित होने के लिए कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी उत्तरदायी है? उत्तरदायी कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) लंबित प्रकरणों में सहायता राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? जिलेवार, जानकारी प्रदान की जावें?

 

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने जबाब दिया कि (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्राकृतिक आपदा से जिलेवार हुई मृत्यु की जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) आपदा प्रबंधन अंतर्गत निराकृत प्रकरणों की संख्या संलग्न प्रपत्र- व के कॉलम 3 अनुसार है। (ग) वर्ष 2023-24 के 421 प्रकरण लंबित है। लंबित प्रकरणों के भुगतान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, ऐसी स्थिति में किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

Ambika Sao

सह-संपादक : छत्तीसगढ़
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