पत्थलगांव : शिक्षक नेता की पत्नी की भर्ती ही नहीं हुई, जांच में पुष्टि… देखना होगा कि शिक्षक नेता की धांधलीबाज़ पत्नी पर जेडी श्री आदित्य किस प्रकार की करते हैं कार्यवाही ?…
◆ नगर पंचायत पत्थलगांव और दर्रापारा स्कूल में जांच में नहीं मिला भर्ती का रिकार्ड…
बिलासपुर। शिक्षक नेता की पत्नी ने फर्जी नियुक्ति आदेश बनाकर शिक्षक की नौकरी हासिल करने के मामले में जेडी के आदेश पर जांच की जा रही थी। चार सदस्यीय टीम ने पत्थलगांव जाकर जांच पूरी कर ली। इस जांच में टीम को नगर पंचायत पत्थलगांव और दर्रापारा स्कूल में शिक्षक पद पर भर्ती का कोई रिकार्ड नहीं मिला। वहीं नियुक्ति आदेश में फर्जीवाड़ा कर शिक्षक की नौकरी हासिल करने की भी पुष्टि हुई है। विस्तृत रिपोर्ट रिपोर्ट जेडी को सौंप दी गई है।
शिक्षक नेता और व्याख्याता संजय शर्मा की पत्नी चंद्ररेखा शर्मा द्वारा फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर बिना नियुक्ति ही फर्जी ट्रांसफार्मर आदेश बनाकर शिक्षिका की नौकरी प्राप्त करने की शिकायत हुई थी। इसमें शिकायतकर्ता ने बताया था कि 11 जनवरी 2007 को चंद्ररेखा शर्मा पति संजय शर्मा की नियुक्ति जिला जशपुर के पत्थलगांव नगर पंचायत द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला दर्रापारा (उरांवपारा) में होना बताया गया। इसके बाद उनका स्थानांतरण 6 माह बाद 11 जुलाई 2007 को पत्थलगांव से जनपद पंचायत से बिल्हा किया गया। जहां से उनको शासकीय प्राथमिक शाला, मोपका में पदस्थ किया गया। जहां 17 सालों से कार्यरत हैं।
दूसरे की नियुक्ति आदेश में छेड़छाड़ : जेडी द्वारा नियुक्त जांच दल ने पाया कि श्रीमती शर्मा द्वारा पत्थलगांव के प्राथमिक शाला दर्रापारा (उरांवपारा) में पदस्थ आदिवासी वर्ग की शिक्षिका नीलम टोप्पो के आदेश में छेड़छाड़ कर अपना नियुक्ति आदेश तैयार किया। जिसके सहारे फर्जी तरीके से बिल्हा तबादला करा लिया। इसके बाद मोपका स्कूल में सत्रह सालों से जमी है। नीलम टोप्पो का बारहवीं में 65 प्रतिशत अंक है। वहीं श्रीमती शर्मा की बारहवीं में तृतीय श्रेणी है। ऐसे में नौकरी मिलना मुश्किल है।
अब आगे जेडी को करनी होगी कार्रवाई : जेडी को जांच टीम की रिपोर्ट मिल गई है। इसमें शिकायतकर्ता द्वारा सूचना के अधिकार में लेकर सभी दस्तावेज लेकर पेश किए गए थे। उसको शिकायत में सही पाया गया। अब उक्त मामले में जेडी आरपी आदित्य को शिक्षिका के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। चंद्ररेखा शर्मा के खिलाफ पहले भी एक जांच हुई थी। उसकी भी रिपोर्ट जेडी के पास है। इसमें दस माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसलिए अब हाईकोर्ट में जेडी और शिक्षा सचिव के खिलाफ प्रकरण दाखिल करने की तैयारी की जा रही है।
शिक्षक नेता की पत्नी की भर्ती ही नहीं : शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन होने के बाद उनकी अंक सूची और नियुक्ति फर्जी होने की शिकायत की गई। इसमें बताया गया कि चंद्ररेखा शर्मा की नियुक्ति नगर पंचायत, पत्थलगांव में हुई ही नहीं है। उसने दूसरे के नियुक्ति आदेश में अपना तबादला बिल्हा कराया। इस शिकायत की जांच के लिए संयुक्त संचालक आरपी आदित्य द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम में जेडी ऑफिस के सहायक संचालक मुकेश मिश्रा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हाटी ब्लॉक धरमजयगढ़ जिला रायगढ़ के प्राचार्य एस. आर. सिदार और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मदनपुर ब्लॉक खरसिया जिला रायगढ़ के प्राचार्य एल. एन. पटेल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। उक्त टीम ने पत्थलगांव जाकर जांच की। इसमें पाया कि नगर पंचायत, पत्थलगांव और दर्रापारा स्कूल में चंद्ररेखा शर्मा की नियुक्ति का कोई रिकार्ड नहीं है। जिस साल में उनकी भर्ती की बात कही जा रही है, उस साल के शिक्षाकर्मी भर्ती में उनका नाम तक नहीं है। जांच टीम ने शिकायतकर्ता की पूरी बातों को सही पाया है। इसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर जेडी श्री आदित्य को सौंप दी है।