घरघोड़ा : व्यापारी से 18 लाख के ठगी की कोशिश ; ठगी की शंका पर लिखित शिकायत दर्ज, आरोपी से पुलिस ने की घण्टों की पूछताछ… जांच जारी…
◆ बड़े फ्रॉड गिरोह का हो सकता है खुलासा?…
रायगढ़। जिले के घरघोड़ा में एक युवा व्यवसायी के साथ 18 लाख रुपयों के फ्रॉड की कोशिश की सनसनीखेज खबर सामने आई है । घरघोड़ा के व्यवसायी वसीम बेग को 3 करोड़ का टेंडर दिलाने के नाम पर 18 लाख रुपये मांगे गए थे पर युवा व्यवसायी को शंका होने पर जागरूकता का परिचय देते हुए व्यवसायी ने पुलिस को सूचना दे दी और फ्रॉड करने वाले संदिग्ध को पुलिस को सौंप दिया ।
यह था पूरा फ्रॉड का सिस्टम… : सूत्रों से मिली जानकारी और युवा व्यवसायी से मिली जानकारी के आधार पर नीलकमल चौहान नामक व्यक्ति जो घरघोड़ा के पास ग्राम देवगढ़ का निवासी है ,ने व्यवसायी से सम्पर्क साधा और स्कूलों में सामान सप्लाई का टेंडर दिलाने का झांसा दिया इसके बाद व्यवसायी को मंत्रालय ले जाने के नाम पर उक्त व्यक्ति के रायपुर ले गया जहां मंत्रालय के जगह उसे एक निजी ऑफिस में ले गया जहां नीलकमल के साथी मौजूद थे उस आफिस में व्यव्सायी को टेंडर दिलवाने की गारंटी देते हुए 18 लाख रुपयों की मांग की गई । यहीं युवा व्यवसायी को शंका होनी शुरू हुई ।दूसरे दिन घर लौटने पर नीलकमल चौहान जब 18 लाख रुपये लेने व्यवसायी के पास पहुंचा तो व्यवसायी ने पुलिस को सूचना देते हुए नीलकमल चौहान को पुलिस को सौंप दिया और लिखित शिकायत दर्ज करा दी ।
पुलिस की जांच जारी,फर्जीवाड़े रैकेट के खुलासे की उम्मीद : इस मामले पर सूचना मिलने पर त्वरित संज्ञान लेते हुए पुलिस ने संदिग्ध को घण्टो पूछताछ के लिए थाने में बैठाये रखा । पुलिस ने सभी का बयान दर्ज कर लिया है अब पुलिस मामले की खंगालने में लगी है ऐसे में उम्मीद है कि इसमे लाखों के फ्रॉड करने वालों और इस रैकेट को संचालित करने वालो का कच्चा चिट्ठा खुल सकता है ।
पहले भी फर्जीवाड़ों में संलिप्त रहा है शख्स : सूत्रों की माने तो इस फ्रॉड की कोशिश में कानून के जद में आया शख्स नीलकमल पहले भी ऐसे फर्जीवाड़ों में संलिप्त रहा है। अपुष्ट जानकारियो के अनुसार अपने रिश्ते में किसी बड़े अफसर के होने का धौंस जमाकर यह इस तरह की टोपी फिराने के फिराक में रहता था पर आज टोपी फिराने के चक्कर में नीलकमल फंसता हुआ दिख रहा है । अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस किस तरह जांच के बाद खुलासे करती है और करोड़ो के सपने दिखाकर लाखो के फ्रॉड करने वालो पर किस तरह की कार्यवाही होती है जो नजीर बने ।
मामले को लेकर जब हमने थाना प्रभारी घरघोड़ा से बात करनी चाही तो उनका फ़ोन रिसीव ही न करना ; अपने आपमे कई सवालों को जन्म देता है।