“सुरक्षित सुबह” पर सख़्त निगाह: रायगढ़ में सीसीटीवी निगरानी का जनसहयोग से विस्तार, पुलिस-कंट्रोल रूम में बना सुरक्षा का रोडमैप…

रायगढ़, 25 जुलाई। जिले में अपराध पर कड़ी नकेल कसने और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से शहर को अधिक सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से रायगढ़ पुलिस ने “सुरक्षित सुबह” अभियान को तेज़ कर दिया है। इसी कड़ी में आज पुलिस कंट्रोल रूम में एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आकाश मरकाम ने की। बैठक में सर्राफा एवं पेट्रोल पंप एसोसिएशन, लायंस क्लब, एनजीओ प्रतिनिधि, व्यापारी वर्ग और समाजसेवियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
सीसीटीवी : निगरानी की आँख, अपराध पर लगाम – बैठक में एएसपी श्री मरकाम ने हाल ही में शहर में हुई श्याम मंदिर चोरी कांड का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे सीसीटीवी फुटेज ने आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी में निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि,
“आज अपराध की पड़ताल में टेक्नोलॉजी, विशेषकर सीसीटीवी, सबसे विश्वसनीय गवाह बन चुकी है। यदि हर नागरिक अपने प्रतिष्ठान का एक कैमरा सार्वजनिक सड़क की ओर केंद्रित करे, तो यह पूरे शहर के लिए सुरक्षा कवच बन सकता है।”
संयुक्त पहल: चौक-चौराहों को निगरानी से लैस करने की सहमति : बैठक में पुलिस ने व्यापारी संगठनों से आग्रह किया कि शहर के संवेदनशील चौक-चौराहों पर हाई-क्वालिटी कैमरे लगाने में वे साझा जिम्मेदारी निभाएं। इस पर व्यापारी संगठनों, लायंस क्लब के विभिन्न विंग्स और पेट्रोल पंप संचालकों ने उत्साहपूर्वक सहयोग का आश्वासन देते हुए उन स्थानों की सूची पुलिस को देने की बात कही जहां अभी कैमरे नहीं हैं।
साथ ही, उन्होंने न केवल कैमरे लगाने, बल्कि उनके नियमित मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी भी अपने स्तर पर उठाने की बात कही — यह वास्तव में सुरक्षा के प्रति सामाजिक उत्तरदायित्व की मिसाल है।
जागरूक नागरिकों की सक्रिय भागीदारी : बैठक में समाजसेवी, व्यापारी और बुद्धिजीवी वर्ग से बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे- जिनमें श्री ओम प्रकाश अग्रवाल, श्री संजय अग्रवाल, श्री रामनिवास मोड़ा, श्री पवन अग्रवाल, श्री राहुल सोनी, श्रीमती अनिता कपूर, डॉ. सविता साव, श्रीमती आरती सिंह, श्री मनीष गुप्ता सहित महिला प्रतिनिधियों की भी प्रभावशाली भागीदारी देखने को मिली।
इसके अलावा साइबर सेल के अधिकारियों, थाने के प्रभारी और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी सुरक्षा सहयोग का संकल्प दोहराया।
“सुरक्षित सुबह” नहीं, अब सुरक्षित हर पल की दिशा में कदम : पुलिस और नागरिकों की इस साझा रणनीति ने एक स्पष्ट संदेश दिया है — अब रायगढ़ में अपराधियों के लिए कोई अंधेरा कोना नहीं बचेगा। हर कैमरा अब एक चुप प्रहरी होगा, जो हर गतिविधि पर नजर रखेगा।
यह पहल न केवल अपराध पर अंकुश लगाएगी, बल्कि एक जागरूक, तकनीकी और सहभागी समाज की पहचान भी बनेगी।
रायगढ़ अब सिर्फ जाग रहा है नहीं, बल्कि निगरानी के ज़रिए जगा हुआ शहर बन रहा है।
“अगर हर घर एक कैमरा सड़क पर लगाए, तो हर गली एक प्रहरी बन जाएगी।”
रायगढ़ पुलिस की “सुरक्षित सुबह” का संदेश।