म्यूल अकाउंट के जाल में फंसे जशपुर के दो युवक, पुलिस की सख्त कार्यवाही – जेल भेजे गए दोनों आरोपी!…

जशपुर। “किराए पर बैंक खाता देकर अपराधियों का साथ देना बना दो युवकों के लिए जेल जाने का कारण!” — जशपुर जिले में म्यूल अकाउंट से जुड़ी एक गंभीर साइबर ठगी का पर्दाफाश हुआ है। सिटी कोतवाली पुलिस ने दो खाताधारकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(2), 318(4) व 61(2) के तहत एफआईआर दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
🔍 क्या है म्यूल अकाउंट रैकेट? – म्यूल अकाउंट एक ऐसा बैंक खाता होता है जिसे खाताधारक अपराधियों को किराए पर दे देता है। अपराधी इन खातों के माध्यम से साइबर ठगी से अर्जित अवैध राशि का लेन-देन करते हैं। बदले में खाताधारक को मामूली रकम दी जाती है। यह एक संगठित साइबर अपराध का नया चेहरा है।९
🚨 पुलिस की तकनीकी जांच से खुला राज : जशपुर पुलिस की साइबर टीम को जानकारी मिली कि महाराष्ट्र बैंक, जशपुर के खाता संख्या 6049174249 में एक लाख रुपए की संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुई है। खाते का स्वामी सुभाष केरकेट्टा (उम्र 25 वर्ष, निवासी गिरांग, जशपुर) है। पुलिस ने तत्काल उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि उसने अपना एटीएम कार्ड और खाता अपने रिश्ते के चाचा नीरज रतन टोप्पो (उम्र 43 वर्ष, निवासी ग्राम कोपा, थाना सन्ना) को पैसे के लालच में दे दिया था।
नीरज ने पुलिस को बताया कि उसने यह खाता और एटीएम किसी अज्ञात व्यक्ति को बस से रांची भेजा था, जिससे उसकी बातचीत केवल फोन पर होती थी।
📉 ठगी का पैटर्न – सतर्क हो जाएं – पुलिस जांच से यह स्पष्ट हुआ कि:
- ₹1 लाख की ठगी कर वह रकम इस म्यूल अकाउंट में ट्रांसफर की गई।
- खाताधारक को कुछ पैसे देकर उसका एटीएम, मोबाइल नंबर और नियंत्रण अज्ञात अपराधी के हाथों में सौंप दिया गया।
- यह पूरा मामला साइबर क्राइम की परतें खोलने वाला है।
👮♂️ सख्त कदम और सतर्कता की चेतावनी : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह ने बताया,
“खाता किराए पर देना अपराध में साझेदार बनना है। म्यूल अकाउंट से जुड़े मामलों पर लगातार नजर रखी जा रही है। पूर्व में भी दुलदुला, कुनकुरी और पत्थलगांव थाना क्षेत्रों में ऐसे मामलों में कार्यवाही की गई है। आने वाले दिनों में और भी बड़ी कार्यवाही की जाएगी।”
🛑 संदेश साफ है – अपराधियों से लेनदेन का मतलब जेल!
जशपुर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। यह मामला न केवल चेतावनी है बल्कि साइबर अपराध के प्रति लोगों को जागरूक करने का सटीक उदाहरण भी है।
📢 अपील: जशपुर पुलिस आमजन से अपील करती है कि वे लालच में आकर अपने बैंक खाते, एटीएम या मोबाइल नंबर किसी को भी न दें। यह अपराध में सीधी संलिप्तता मानी जाती है और कानून इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान करता है।
🛡️ जशपुर पुलिस की सक्रियता, साइबर अपराधियों के लिए खतरे की घंटी!
📌 म्यूल अकाउंट्स पर लगातार निगरानी, अगला नंबर किसी का भी हो सकता है – सावधान रहें, सतर्क रहें!