फेसबुक पर भरोसा, शादी का झांसा और फिर चार साल तक शोषण – महिला थाना की त्वरित कार्रवाई में आरोपी गिरफ्तार…

रायगढ़, 1 जुलाई 2025। डिजिटल दुनिया में रिश्तों का भरोसा फिर एक बार टूटा। फेसबुक पर दोस्ती कर एक युवती को चार वर्षों तक शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने वाले आरोपी को महिला थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। आरोपी युवती के साथ वर्ष 2022 से किराये के मकानों में रह रहा था और जब विवाह की बात आई तो मुकर गया।
महिला थाना से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रायगढ़ निवासी एक युवती ने 30 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पहचान वर्ष 2021 में फेसबुक के माध्यम से दयाराम सिदार (29 वर्ष), निवासी साल्हेओना, थाना बरमकेला, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ से हुई थी। शुरू में ऑनलाइन बातचीत हुई और कुछ ही महीनों में यह संबंध इतना आगे बढ़ गया कि दोनों रायगढ़ में एक किराये के मकान में साथ रहने लगे।
पीड़िता ने बताया कि 9 अप्रैल 2022 को दयाराम ने शादी का झांसा देकर उसके साथ पहली बार शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद यह सिलसिला वर्षों तक चलता रहा। वह लगातार यह कहता रहा कि जल्द ही शादी करेगा – कभी नौकरी की मजबूरी का हवाला देता, तो कभी पारिवारिक दबाव का। युवती उसकी बातों में आती रही, लेकिन जब उसने बार-बार विवाह की बात की तो अंततः आरोपी ने इंकार कर दिया।
इस धोखे और शोषण से आहत युवती ने अंततः महिला थाना का दरवाजा खटखटाया। थाना प्रभारी उप निरीक्षक दीपिका निर्मलकर के नेतृत्व में आपराधिक प्रकरण क्रमांक 16/2025 दर्ज किया गया। आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 69 के तहत मामला पंजीबद्ध कर पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया।
पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी के संभावित ठिकानों पर दबिश दी और उसे हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की। पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके बाद उसे विधिसम्मत गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अदालत ने आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी दीपिका निर्मलकर के साथ-साथ सहायक उप निरीक्षक सरस्वती महापात्रे और हमराह स्टाफ की भूमिका सराहनीय रही। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि क्या आरोपी ने इसी तरह किसी और युवती को भी निशाना बनाया है।
यह प्रकरण सिर्फ एक युवती के साथ धोखे और भावनात्मक शोषण का नहीं, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से बढ़ती ठगी और शोषण की प्रवृत्ति पर एक गंभीर चेतावनी है। ऐसे मामलों में समय रहते कानूनी मदद लेना और अपनी चुप्पी तोड़ना बेहद जरूरी है।