जांजगीर-चांपा

“लाखों खर्च फिर भी गंदगी का अड्डा बना कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क! टूटे झूले, जंग लगे उपकरण, फंड हजम कर गए जिम्मेदार?”

जांजगीर-चांपा। कोटमी सोनार स्थित प्रसिद्ध क्रोकोडाइल पार्क आज बदहाली, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बन गया है। पर्यटन को बढ़ावा देने और जनता के मनोरंजन हेतु बनाए गए इस पार्क पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है पार्क बदहाल है, गंदगी से अटा पड़ा है और सुविधाएं दम तोड़ चुकी हैं।

“झूले टूटे, दीवारें जर्जर, गंदगी फैली, मगर जिम्मेदार चैन की नींद में!” पार्क के भीतर बच्चों के खेलने के झूले न केवल टूटे हैं बल्कि खतरनाक स्थिति में हैं। फर्श दरक चुके हैं, दीवारें उखड़ रही हैं, और पार्क के भीतर लगे उपकरण जंग खा रहे हैं। ऐसे हालातों में यहां आना किसी जोखिम से कम नहीं।

फंड हजम करने वालों पर न कार्रवाई, न जवाबदेही : सूत्रों की मानें तो पार्क के रखरखाव और सौंदर्यीकरण के लिए हर वर्ष लाखों रुपये स्वीकृत होते हैं। परंतु यह पैसा आखिर जाता कहां है? स्थानीय नागरिकों का सीधा आरोप है—“यह फंड पार्क की मरम्मत में नहीं, अफसरों और ठेकेदारों की जेबों में जा रहा है!”

पार्क इंचार्ज पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप : स्थानीय लोगों ने पार्क इंचार्ज पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा है कि वह अपनी ड्यूटी के प्रति लापरवाह हैं और पार्क की दुर्दशा के लिए वही मुख्य जिम्मेदार हैं।

जनता की मांग: जवाबदेही तय हो, जांच हो और कड़ी कार्रवाई हो! – गांव और आसपास के नागरिकों ने प्रशासन से कड़ा रुख अपनाने की मांग की है। उनका कहना है कि क्रोकोडाइल पार्क की वर्तमान स्थिति छत्तीसगढ़ की पर्यटन नीति पर भी सवाल खड़े करती है। यदि अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो जनता बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होगी।

“क्या जनता का पैसा ऐसे ही डुबाया जाएगा? क्या जिम्मेदारों पर कभी चलेगा डंडा? कोटमी सोनार के पार्क में पसरी गंदगी अब केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि नैतिक और प्रशासनिक संकट बन चुकी है!”

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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