राजिम साइबर ठगी कांड : 7 बैंक खातों में 4.16 करोड़ की ठगी, मनी लॉन्ड्रिंग गिरोह का भंडाफोड़, 10 दलाल गिरफ्तार…

गरियाबंद। जिले के राजिम थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज साइबर अपराध का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें महज 10 महीनों में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, शाखा राजिम के 7 बैंक खातों के माध्यम से 4 करोड़ 16 लाख 96 हजार 238 रुपये की ठगी की गई। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित समन्वय पोर्टल और विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस ने जब इन खातों की गहन जांच की, तो सामने आया कि इनका उपयोग देशभर में हुई ऑनलाइन ठगी की राशि को अवैध रूप से प्राप्त करने और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया।
ठगी का नेटवर्क : बैंक खातों का किराया, साइबर ठगों को रास्ता – राजिम थाना प्रभारी निरीक्षक के नेतृत्व में की गई प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हुआ कि 30 मई 2024 से 17 मार्च 2025 के बीच, इन सात खातों में ठगी की रकम अलग-अलग राज्यों से प्राप्त हुई। खाताधारकों ने जानबूझकर अपने खातों को ठगों को किराए पर दिया और अवैध धन को अपने खातों में स्वीकार किया। यह रकम फर्जीवाड़े, छल और धोखाधड़ी से प्राप्त की गई थी।
मनी लॉन्ड्रिंग के दलाल गिरफ्तार : पुलिस ने इस संगठित अपराध में शामिल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो दलाली कर आम नागरिकों से बैंक खाते इकट्ठा कर साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपी हैं:
- राधा साहनी, देवारपारा, राजिम
- युवराज आदिल, शास्त्री चौक, बकली, थाना राजिम
- बांकेबिहारी निषाद, संघर्ष चौक, शंकर नगर, नयापारा
- कुंजबिहारी निषाद, संघर्ष चौक, नयापारा
- रवि सोनकर, बगदेहीपारा, नयापारा
- पवन कुमार मिरी, तनामीपारा, बकली, थाना राजिम
- मोहनीश कुमार ताण्डिया, कोतवालपारा, नवागांव (खिसोरा), थाना मगरलोड
- हरीश साहू, भाठापारा, छांटा, थाना नयापारा
- रवि कुमार टिलवानी, महादेव घाट, रायपुरा, थाना डी.डी. नगर, रायपुर
- योगेन्द्र कुमार बंजारे, पटेलपारा, खिसोरा, थाना मगरलोड
इन सभी को समक्ष गवाहों के बयान और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर गिरफ़्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।
गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज : राजिम पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं –317(2), 317(4), 318(4), 61(2)(क), 3(5)
आगे भी हो सकते हैं बड़े खुलासे : विवेचना में यह बात भी सामने आई है कि कई खातों में ठगी की रकम बार-बार जमा हुई, जिससे इन खातों के बार-बार उपयोग की पुष्टि होती है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है, और आने वाले दिनों में अधिक गिरफ्तारियां तथा साइबर गिरोह के अन्य कनेक्शन उजागर हो सकते हैं।
यह मामला छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध के बढ़ते नेटवर्क की भयावहता को उजागर करता है। स्थानीय ब्रोकर्स के जरिये बैंक खाते किराए पर लेकर ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम देना राज्य की साइबर सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।