जशपुर

“गुम थीं बेटियाँ… पर जशपुर पुलिस ने लौटाई माँ-बाप की मुस्कान…!”

ऑपरेशन मुस्कान बना उम्मीद की सबसे बड़ी पहचान, एक हफ्ते में 5 बेटियाँ सकुशल घर लौटीं...

जशपुर। बेटियों की तलाश में भटके माँ-बाप की आँखों में जो आँसू थे, उन्हें मुस्कान में बदलने का नाम है – जशपुर पुलिस का ‘ऑपरेशन मुस्कान’

ये कोई फिल्मी कहानी नहीं, हकीकत है उस जज्बे की, जो वर्दी के भीतर धड़कता है!
बीते एक हफ्ते में जशपुर जिले की पुलिस ने पांच गुमशुदा बच्चियों को ढूंढ कर सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाया है। यह सिर्फ ‘तफ्तीश’ नहीं थी। यह एक-एक माँ की टूटती उम्मीदों को फिर से जोड़ने की लड़ाई थी!

बगीचा से लेकर बिजुरी तक… पुलिस बनी परिजनों की आखिरी उम्मीद : जब 25 साल की युवती कंप्यूटर क्लास के नाम पर घर से निकली और गायब हो गई, तो परिवार के पाँव तले ज़मीन खिसक गई, लेकिन जशपुर पुलिस ने हार नहीं मानी। फेसबुक-इंस्टाग्राम के चैट्स खंगाले गए, ट्रेन लोकेशन ट्रैक हुई, RPF और कोरिया पुलिस को अलर्ट किया गया और फिर…बिजुरी स्टेशन पर ट्रेन रोकी गई, युवती को उतारा गया और अजय बहेलिया नामक युवक के साथ उसे सकुशल घर वापस लाया गया।

नाबालिग बेटियाँ भी लौटीं अपने आँगन ; नाराज़गी भी थी, छल भी था लेकिन पुलिस ने ढूंढ लिया सबको : थाना आस्ता में एक नाबालिग बेटी, पिता की डाँट से नाराज़ होकर गायब हो गई थी। चार दिन की बेचैनी को पुलिस ने एक सूचना में बदला,  जशपुर बस स्टैंड से बच्ची मिली, सकुशल… और पुलिस की आंखें भीग गईं जब उस पिता ने बेटी को सीने से लगाया।

नारायणपुर में दो बच्चियाँ गायब थीं,शक था कि कोई उन्हें बहला-फुसलाकर ले गया।लेकिन जशपुर पुलिस ने यह भी सिद्ध कर दिया कि हर चालबाज़ की चाल को पुलिस की निगाहें पहचान लेती हैं।दोनों बच्चियाँ फरसाबहार और आस्ता से मिल गईं, सुरक्षित, सकुशल, साहसी।

पत्थलगांव की कहानी – रिश्तेदार के घर से गायब बेटी को खोज निकाला पुलिस ने 100 किमी दूर गांव से :छोटे से गाँव छीता, थाना गौरेला में जब पुलिस पहुंची, तो किसी को नहीं पता था कि यहाँ एक परिवार की उजड़ती उम्मीद रोशनी पाने वाली है। गायब 19 वर्षीय युवती को ढूंढकर लाया गया। ये वो पल था, जब इंसान खुद को पुलिस के भरोसे सौंपने में गर्व महसूस करता है।

SSP शशि मोहन सिंह बोले  “हम सिर्फ ड्यूटी नहीं निभा रहे, हम बेटियों की रक्षा की कसम खा चुके हैं!”

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह ने दो टूक कहा :
“महिलाएं और बच्चे हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। ऑपरेशन मुस्कान कोई सरकारी औपचारिकता नहीं – ये जशपुर पुलिस का दिल है!”

“ऑपरेशन मुस्कान” अब सिर्फ एक पुलिस मिशन नहीं, हर उस माँ-बाप की आखिरी उम्मीद बन चुका है, जिनकी आँखें अपनी गुम बेटियों को ढूंढते-ढूंढते थक चुकी थीं।
और जशपुर पुलिस…?
वो अब सिर्फ कानून का रक्षक नहीं, समाज की आत्मा की सच्ची प्रहरी बन चुकी है।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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