सनसनीखेज खुलासा : कुर्रा के जंगल में ‘कोटरी’ की हत्या! लैलूंगा में वन विभाग की दबिश, दो शिकारी गिरफ्तार – मांस और औजार बरामद!

रायगढ़/लैलूंगा। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल शांत गांव कुर्रा से एक हैरान कर देने वाली घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। जंगल की गोद में पलने वाली संरक्षित वन्यजीव ‘कोटरी’ (हिरण प्रजाति) को बेरहमी से मार डाला गया – और सिर्फ मारा ही नहीं गया, उसका मांस पकाकर खा भी लिया गया! लेकिन जंगल के रक्षकों की नजर से यह जुर्म नहीं बच सका।
गोपनीय सूचना पर लैलूंगा वन विभाग की टीम ने बिजली जैसी फुर्ती से छापेमारी की और दो आरोपियों – संतु राम राठिया और अलार राउत को रंगेहाथ धर दबोचा। पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि उन्होंने मिलकर कोटरी का शिकार किया और उसका मांस खाया। मौके से रक्तरंजित औजार, जले हुए मांस के टुकड़े और शिकार के सबूत बरामद किए गए हैं, जिसने इस जघन्य अपराध की पुष्टि कर दी।
इंसानों की भूख या हैवानियत : यह कोई मामूली घटना नहीं, बल्कि जंगल के कानून, प्रकृति की मर्यादा और आदिवासी संस्कृति पर एक खौफनाक हमला है। कोटरी जैसे संरक्षित वन्यजीव का शिकार करना भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत गंभीर अपराध है, जिसमें कठोर जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ विधिवत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। विभाग ने स्पष्ट कहा – “जंगल के अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
लैलूंगा की जंगलों में फैली दहशत, लेकिन वन विभाग ने दिखाया साहस :इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि जंगल अब लाचार नहीं हैं, और जो भी इनकी शांति भंग करेगा, उसे कानून की लोहे की जकड़ में लिया जाएगा। लैलूंगा वन विभाग की यह त्वरित कार्रवाई एक साहसी संदेश है – शिकारियों का समय खत्म हो गया है।
यह कोई खबर नहीं – जंगल का इंसाफ है!
अब सवाल यह है –
क्या हम सिर्फ तमाशबीन बने रहेंगे, या जंगलों के इन निर्दोष प्राणियों के लिए आवाज़ उठाएंगे?