धरमजयगढ़। रिहायसी इलाके में बार-बार हो रही ब्लास्टिंग से दहशत में भालूपखना गांव, कंपनी और प्रशासन की मिलीभगत पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा…

रायगढ़। जिले के धरमजयगढ़ जनपद के भालूपखना गांव में धनबादा कंपनी द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना और अनुमति के बार-बार की जा रही ब्लास्टिंग ने पूरे गांव को दहशत में डाल दिया है। स्थानीय निवासी कमलसाय बैगा ने पुलिस चौकी रैरूमाखुर्द में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि 4 मई को दोपहर करीब 2 बजे कंपनी के मुरली और हमीद अंसारी द्वारा महज 50 मीटर की दूरी पर ब्लास्टिंग की गई, जो पूरी तरह से रिहायसी क्षेत्र में आती है।
घर की दीवारों में दरारें, बच्चों और बुजुर्गों को चोटें, लेकिन प्रशासन मौन: कमलसाय बैगा का कहना है कि इससे पहले भी कई बार ब्लास्टिंग के कारण घरों की दीवारों में दरारें पड़ चुकी हैं और उड़ते पत्थरों से लोग घायल हुए हैं। इसकी लिखित सूचना पुलिस को पहले भी दी गई थी, लेकिन आज तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई। इससे स्पष्ट है कि कंपनी और प्रशासन के बीच गहरी सांठगांठ है।
क्या किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा प्रशासन? : गांव के लोगों में भारी आक्रोश है और वे पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक जान जोखिम में डालकर प्रशासन और कंपनी की लापरवाही झेलनी पड़ेगी? बार-बार के विरोध और शिकायतों के बावजूद कंपनी की मनमानी लगातार जारी है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही ब्लास्टिंग पर रोक और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े जनांदोलन की ओर बढ़ेंगे।
जनता की जान की कीमत आखिर कितनी है? : इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर आदिवासी क्षेत्रों में काम कर रही कंपनियों को आम जनता की जान से खिलवाड़ करने की छूट क्यों मिली हुई है? क्या ये इलाके सिर्फ खनन और मुनाफाखोरी के लिए बने हैं?
अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस और प्रशासन इस बार भी कंपनी के प्रभाव में आकर चुप बैठता है, या फिर ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर सख्त कार्यवाही करता है।