“धरमजयगढ़ में खौफनाक हत्याकांड : पति ने माला से गला घोंटा, फिर रचा बीमारी का झूठा ड्रामा!”…

रायगढ़। जिले के धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रूपुंगा में एक महिला की संदिग्ध मृत्यु के पीछे का रहस्य आखिरकार सुलझ गया है। पांच दिन पहले हुई 28 वर्षीय गिरिजा डनसेना की मौत को उसका पति सामान्य बीमारी से हुई बताने की कोशिश कर रहा था, लेकिन धरमजयगढ़ पुलिस की गहन जांच और मृतका के मायके पक्ष की सतर्कता ने मामले की परतें खोल दीं।
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के निर्देशन और एसडीओपी सिद्धांत तिवारी के पर्यवेक्षण में की गई जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि गिरिजा की मौत स्वाभाविक नहीं, बल्कि गला घोंटकर की गई हत्या थी।
हत्या को बीमारी का नाम देने की कोशिश :यह घटना 5 अप्रैल की है, जब मृतका के पति गंगाधर डनसेना (23 वर्ष) ने थाना धरमजयगढ़ में पत्नी की मृत्यु की सूचना दी और बताया कि उसे छाती में दर्द हो रहा था, जिससे उसकी मौत हुई। प्रारंभ में पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया। लेकिन मृतका के मायके पक्ष ने मौत पर संदेह जताया और हत्या की आशंका व्यक्त की।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला राज : शॉर्ट पीएम रिपोर्ट आने पर चिकित्सकों ने स्पष्ट किया कि गिरिजा की मौत गला दबाने से हुई है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी पति को संदिग्ध मानते हुए बीएनएस की धारा 103(1), 238 के तहत हत्या व साक्ष्य मिटाने का प्रकरण दर्ज किया।
पूछताछ में कबूला जुर्म, माला बना हथियार : पुलिस की पूछताछ में आरोपी गंगाधर ने स्वीकार किया कि 4 अप्रैल की रात वह शादी से लौटकर आया था, और पत्नी से भोजन को लेकर विवाद हुआ। बहस के दौरान उसने पहले मारपीट की, फिर पत्नी के गले में पहने गए काले धागे से बनी मोटी माला से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। सबूत मिटाने के लिए उसने वह माला घर के पीछे बाड़ी में फेंक दी थी, जिसे पुलिस ने आरोपी के मेमोरेंडम के आधार पर गवाहों की मौजूदगी में बरामद किया।
जेल भेजा गया आरोपी, पुलिस टीम को सराहना : गिरफ्तारी के बाद आरोपी को जेएमएफसी न्यायालय, घरघोड़ा में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस जघन्य अपराध के खुलासे में सहायक उप निरीक्षक डेविड टोप्पो, प्रधान आरक्षक सुधो भगत, आरक्षक कमलेश्वर राठिया, अलेक्सियुस एक्का एवं महिला आरक्षक संगीता भगत की विशेष भूमिका रही।