गरियाबंद

गरियाबंद के इंदागांव में मौत का साया : 20 दिन में 11 से ज्यादा आत्महत्या की कोशिश,तीन की मौत, दहशत में ग्रामीण…

गरियाबंद। जिले के इंदागांव में बीते 20 दिनों से मौत का भय मंडरा रहा है। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि हर दूसरे दिन कोई न कोई अपनी जान देने की कोशिश कर रहा है। अब तक 11 से ज्यादा लोग आत्महत्या की कोशिश कर चुके हैं, जिनमें तीन की मौत हो चुकी है। बाकी को किसी तरह बचा लिया गया, लेकिन गांव में पसरा मातम और डर खत्म नहीं हो रहा।

गांव में फैले इस खौफनाक सिलसिले को रोकने के लिए प्रशासन ने हस्तक्षेप किया है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं, लेकिन मौत का यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अब ग्रामीण भी देवी-देवताओं से प्रार्थना कर इस ‘बला’ को दूर करने की गुहार लगा रहे हैं।

नशे की लत या बुनियादी सुविधाओं की कमी? : प्रशासन का मानना है कि गांव में बढ़ते आत्महत्या के मामलों के पीछे नशे की लत एक बड़ी वजह हो सकती है। वहीं, ग्रामीण इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि गांव में स्कूल, अस्पताल और बैंक जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। चार पीढ़ियों से खेती करने के बावजूद अब तक जमीन का पट्टा नहीं मिला है, जिससे बेरोजगारी और हताशा बढ़ती जा रही है।

प्रशासन की कोशिशें, लेकिन डर बरकरार : लगातार आत्महत्याओं ने प्रशासन को भी हिला कर रख दिया है। स्वास्थ्य विभाग और मनोरोग विशेषज्ञों की टीम गांव में काउंसलिंग कैंप लगा रही है। नशा विरोधी अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकिन गांव में फैली मायूसी और डर को अब तक पूरी तरह मिटाया नहीं जा सका है।

इंदागांव का यह सिलसिला सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के उस डरावने सच को उजागर करता है, जहां नशा, बेरोजगारी और सरकारी उपेक्षा के कारण लोग जिंदगी से हार मान रहे हैं। क्या प्रशासन की ये पहल गांव में आत्महत्या के इस कहर को रोक पाएगी, या फिर इंदागांव और भी गहरी त्रासदी की ओर बढ़ रहा है?

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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