11 घंटे इंतजार, तड़पता मरीज और मौत : दंतेवाड़ा में 108 एंबुलेंस की लापरवाही पर बवाल…

⚡ कब सुधरेगी 108 एंबुलेंस सेवा? इलाज के इंतजार में गई जान, शव वाहन के लिए भी घंटों इंतजार…
दंतेवाड़ा | छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के गीदम अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही ने एक और जान ले ली। गांव से महज 10 किमी दूर अस्पताल तक पहुंचने में 108 एंबुलेंस को 11 घंटे लग गए, और इलाज के अभाव में मरीज ने दम तोड़ दिया। इतना ही नहीं, मौत के बाद शव वाहन के लिए भी परिजनों को 4.5 घंटे इंतजार करना पड़ा, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फूट पड़ा।
12 बार कॉल, 11 घंटे का इंतजार – फिर भी नहीं आई एंबुलेंस : रोंजे गांव के मुन्ना राम कश्यप (32) की तबीयत बिगड़ने पर सुबह 9:41 बजे 108 एंबुलेंस को पहला कॉल किया गया। इसके बाद लगातार 12 बार फोन किया गया, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिले। शाम 7:30 बजे जब एंबुलेंस पहुंची, तब तक परिजन निजी वाहन से मरीज को अस्पताल ले गए थे। इलाज शुरू होने से पहले ही मरीज की मौत हो गई।
शव वाहन के लिए भी लगानी पड़ी 9 बार कॉल : मौत के बाद भी अव्यवस्था का सिलसिला जारी रहा। शव वाहन के लिए 9 बार कॉल किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मामला गरमाने पर रात 11:15 बजे शव वाहन पहुंचा।
ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, कार्रवाई की मांग : घटना के बाद ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। सरपंच अनिल कुमार तर्मा ने इसे लापरवाही से हुई मौत बताया और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। सर्व आदिवासी समाज ने चेतावनी दी है कि आदिवासी इलाकों में 108 एंबुलेंस सेवा की बदहाल स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रबंधन का बचाव, लेकिन सवाल बरकरार : एंबुलेंस प्रबंधन के श्याम कश्यप ने सफाई देते हुए कहा कि शाम 7 बजे के बाद उन्हें जानकारी मिली थी और तुरंत एंबुलेंस भेजी गई। लेकिन ग्रामीणों और परिजनों का दावा है कि सुबह 9:41 से ही कॉल किए जा रहे थे, फिर इतनी देरी क्यों हुई?
कब सुधरेंगे हालात : यह कोई पहला मामला नहीं है, जब 108 एंबुलेंस की लचर सेवा ने किसी की जान ली हो। सवाल यह है कि कब तक मरीज समय पर इलाज से वंचित रहेंगे? और कब प्रशासन इन लापरवाहियों पर सख्त एक्शन लेगा? ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही इस मुद्दे को लेकर बड़ा आंदोलन होगा।