रायपुर : स्टील, पावर और रियल एस्टेट साम्राज्य पर इनकम टैक्स का महाघेरा ! तीसरे दिन भी जारी छापेमारी, 21 करोड़ की काली कमाई सरेंडर…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्टील, पावर और रियल एस्टेट सेक्टर के बड़े कारोबारियों पर इनकम टैक्स विभाग का करारा वार जारी है। जबलपुर आयकर अन्वेषण टीम ने रायपुर, जगदलपुर और रायगढ़ में तीसरे दिन भी ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस कार्रवाई में करोड़ों रुपये की अघोषित संपत्ति, डिजिटल साक्ष्य और दस्तावेजों का खुलासा हुआ है।
विशेष रूप से रायपुर के तेलीबांधा स्थित अग्रवाल ग्लोबल इंफ्राटेक प्रा. लि. के संचालकों ने 21 करोड़ रुपये की अघोषित आय को स्वीकार कर लिया है। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और झारखंड में प्रोजेक्ट्स संचालित करने वाली इस कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का पर्दाफाश हुआ है।
छापेमारी में कैसे खुला काले धन का राज? : सूत्रों के अनुसार, कंपनी अपने मुनाफे को छुपाने और टैक्स चोरी करने के लिए खर्चे अधिक और लाभ कम दिखा रही थी। इनकम टैक्स की टीमें जब दस्तावेजों, डिजिटल डेटा, मोबाइल और लैपटॉप की छानबीन करने लगीं, तब हेराफेरी के ठोस सबूत सामने आए।
जांच अधिकारियों को कंपनी के वित्तीय लेनदेन में कई गड़बड़ियां मिलीं, जिनमें शामिल हैं:
- फर्जी खर्चों के दस्तावेज तैयार करना
- बही खातों में मुनाफे को छुपाने के प्रयास
- बेनामी लेन-देन के प्रमाण
- फर्जी कंपनियों के जरिए फंड डायवर्जन के संकेत
इन सबूतों के आधार पर आयकर विभाग ने कंपनी पर शिकंजा कसा, जिसके बाद संचालकों को 21 करोड़ रुपये की अघोषित आय स्वीकार करनी पड़ी।
15 मार्च तक 6.5 करोड़ रुपये भरने का आदेश : छापेमारी के दौरान आयकर विभाग ने कंपनी संचालकों को 15 मार्च तक अग्रिम कर के रूप में करीब 6.5 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने कंपनी के शीर्ष प्रबंधकों के बयान दर्ज कर लिए हैं, और सभी वित्तीय दस्तावेजों को गहनता से खंगाला जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई सिर्फ एक शुरुआत है। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और झारखंड में सक्रिय अन्य बड़े ठेकेदारों और बिल्डरों पर भी इनकम टैक्स विभाग की नजरें टेढ़ी हैं।
इस हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन को कौन लीड कर रहा है? : इस महाअभियान की कमान आयकर उपायुक्त राहुल मिश्रा संभाल रहे हैं, जबकि कार्रवाई को मुख्य आयकर आयुक्त अपर्णा करण, प्रधान आयकर आयुक्त प्रदीप कुमार हेडाऊ और संयुक्त आयकर आयुक्त वीरेन्द्र कुमार सिंह के निर्देश पर अंजाम दिया जा रहा है।
बड़े व्यापारियों में हड़कंप, आगे किसकी बारी? : इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ के व्यापारिक गलियारों में खलबली मच गई है। टैक्स चोरी करने वाले कारोबारी सकते में हैं, क्योंकि विभाग अभी और बड़े नामों पर शिकंजा कस सकता है। सवाल यह है कि आयकर विभाग का अगला निशाना कौन होगा? कौन-कौन से उद्योगपति इस घेराबंदी में फंस सकते हैं?
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग जल्द ही अन्य प्रमुख ठेकेदारों और उद्योगपतियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता और टैक्स अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए यह छापेमारी आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है।
छत्तीसगढ़ में बड़ी कंपनियों की वित्तीय गड़बड़ियों पर आयकर विभाग का एक्शन तेज हो गया है। यह छापेमारी सिर्फ एक झलक है—इस तरह की और भी बड़ी कार्रवाई जल्द देखने को मिल सकती हैं। कर चोरी करने वाले अब चौकन्ने हो जाएं, क्योंकि इनकम टैक्स विभाग का अगला वार और भी बड़ा हो सकता है!