छत्तीसगढ़ में 8.87 करोड़ का जल संसाधन घोटाला : बड़े अधिकारियों की साजिश का पर्दाफाश, फरार आरोपी गिरफ्तार…

रामानुजगंज- बलरामपुर । जिले में जल संसाधन विभाग का सबसे बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। सरकारी धन की लूट की इस कहानी में बड़े अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों की राशि निजी खातों में ट्रांसफर कर दी। इस घोटाले में फरार चल रहे 74 वर्षीय आरोपी योगेश्वर स्वरुप भटनागर को आखिरकार रामानुजगंज पुलिस ने अंबिकापुर से गिरफ्तार कर लिया।
ऐसे रचा गया करोड़ों का फर्जीवाड़ा : यह घोटाला किसी आम हेरफेर का मामला नहीं, बल्कि पूरी तरह योजनाबद्ध साजिश थी। मार्च 2022 से मई 2022 के बीच जल संसाधन विभाग, संभाग क्रमांक 02 के तत्कालीन एसडीओ संजय कुमार ग्रायकर ने अपने तीन अन्य सहयोगियों के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार किए और 8 करोड़ 87 लाख 54 हजार 524 रुपये को निजी खातों में ट्रांसफर कर दिया।
17 मार्च 2023 को जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता एनसी सिंह ने इस घोटाले की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि तत्कालीन एसडीओ संजय ग्रायकर, वरिष्ठ लेखा लिपिक मिथिलेश कुमार पांडेय, डाटा एंट्री ऑपरेटर संजीव कुमार सिंह और संभागीय अधिकारी नीरज अभिषेक एक्का ने मिलकर सरकारी धन को निजी लोगों के खातों में ट्रांसफर कर दिया।
अब तक कौन-कौन गिरफ्तार : इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है—
- तत्कालीन एसडीओ संजय कुमार ग्रायकर
- वरिष्ठ लेखा लिपिक मिथिलेश कुमार पांडेय
- डाटा एंट्री ऑपरेटर संजीव कुमार सिंह
- संभागीय अधिकारी नीरज अभिषेक एक्का
- अब योगेश्वर स्वरुप भटनागर भी सलाखों के पीछे!
1.56 करोड़ की हेराफेरी करने वाला आरोपी गिरफ्तार : जांच के दौरान पता चला कि आरोपी योगेश्वर स्वरुप भटनागर (74 वर्ष, निवासी गांधीनगर, अंबिकापुर) ने 1 करोड़ 56 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कराए थे। घोटाले का खुलासा होते ही वह फरार हो गया और पुलिस उसे लंबे समय से तलाश रही थी।
रामानुजगंज पुलिस ने विशेष टीम गठित कर आरोपी की तलाश शुरू की। मुखबिर से सूचना मिली कि भटनागर अंबिकापुर में छिपा हुआ है। पुलिस ने तुरंत दबिश दी और आरोपी को धर-दबोचा।