रायपुर : पूर्व BSF सूबेदार निकला रायपुर 60 लाख की डकैती का मास्टरमाइंड, पुलिस ने 10 आरोपियों को किया गिरफ्तार…

रायपुर। राजधानी में हुए सनसनीखेज डकैती कांड का पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। घटना के मास्टरमाइंड का नाम सामने आते ही हर कोई हैरान रह गया। यह कोई पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि BSF का पूर्व सूबेदार निकला, जो रिटायरमेंट के बाद जमीन दलाली के काम में लगा हुआ था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 59.50 लाख रुपये नगद, सोने के आभूषण और घटना में इस्तेमाल की गई गाड़ियां बरामद की हैं।
डकैती की साजिश और खौफनाक वारदात : यह घटना रायपुर के अनुपम नगर इलाके में 11 फरवरी को हुई, जब पांच नकाबपोश बदमाशों ने एक घर में घुसकर 66 लाख रुपये की लूट को अंजाम दिया। आरोपियों में दो लोग फौजी वर्दी में थे, जिन्होंने खुद को जांच अधिकारी बताकर घर में प्रवेश किया। अंदर घुसते ही बदमाशों ने घर में मौजूद मनोहरण वेलू और उनकी बहनों को बंधक बना लिया। पिस्टल की नोक पर धमकाते हुए उन्होंने लाखों की नकदी, सोने के आभूषण और मोबाइल लूट लिए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, सीसीटीवी फुटेज से मिले सुराग : घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने 10 विशेष टीमें बनाईं और इलाके के हजारों सीसीटीवी फुटेज खंगाले। तकनीकी विश्लेषण और मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर पुलिस को पता चला कि घटना के समय एक बिना नंबर की सफेद रंग की कार घर के पास देखी गई थी। साथ ही एक अल्टो कार भी संदेहास्पद तरीके से पीछा कर रही थी।
पूर्व BSF सूबेदार निकला मास्टरमाइंड : जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि डकैती की योजना पूर्व BSF सूबेदार ए. सोम शेखर ने बनाई थी। शेखर ने 2011 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी और वर्तमान में जमीन दलाली का काम करता था। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, नागपुर और बलौदा बाजार में दबिश देकर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
ये हैं गिरफ्तार आरोपी :
- अजय ठाकुर (दुर्ग)
- राहुल त्रिपाठी (गोरखपुर)
- नेहा त्रिपाठी (गोरखपुर)
- देवलाल वर्मा (रायपुर)
- पुरुषोत्तम देवांगन (बलौदा बाजार)
- ए. सोम शेखर (रायपुर)
- शाहिद पठान (नागपुर)
- पिंटू सारवान (बेमेतरा)
- मनुराज मौर्य (बिलासपुर)
- कमलेश वर्मा (रायपुर)
डकैती की रकम और सामान बरामद : पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 59.50 लाख रुपये नगद, सोने के आभूषण, रिज्ड कार और अल्टो कार बरामद की है, जिनकी कुल कीमत 70 लाख रुपये आंकी गई है।
पुलिस की तत्परता से बड़ा अपराध हुआ उजागर : रायपुर पुलिस की सतर्कता और तेजी से की गई कार्रवाई ने एक संगठित अपराध गिरोह को बेनकाब कर दिया। इस मामले ने यह भी दिखाया कि अपराधी अब वारदात को अंजाम देने के लिए फौजी वर्दी और हाई-प्रोफाइल प्लानिंग का सहारा ले रहे हैं। लेकिन पुलिस की सूझबूझ और तकनीकी जांच के कारण वे ज्यादा दिन तक बच नहीं पाए।