अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन, अयोध्या में होगा अंतिम संस्कार…
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लखनऊ/अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का बुधवार को लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGI) में निधन हो गया। अस्पताल प्रशासन ने उनके निधन की पुष्टि की है। ब्रेन स्ट्रोक के कारण उन्हें 3 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा था। उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी और बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
रविवार को बिगड़ी थी तबीयत, लखनऊ लाया गया था : रविवार देर शाम अचानक आचार्य सत्येंद्र दास की तबीयत बिगड़ गई थी। उनका ब्लड प्रेशर अचानक बहुत बढ़ गया, जिससे उनकी स्थिति गंभीर हो गई। प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ रेफर किया, जिसके बाद उन्हें संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराया गया। वहां न्यूरोलॉजी वॉर्ड के एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चला, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
ब्रेन स्ट्रोक, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की थी समस्या : डॉक्टरों के अनुसार, आचार्य सत्येंद्र दास लंबे समय से डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे थे। ब्रेन स्ट्रोक के बाद उनकी स्थिति और भी गंभीर हो गई थी। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई और अंततः उन्होंने 12 फरवरी को अंतिम सांस ली।
15 अक्टूबर को भी भर्ती कराए गए थे अस्पताल में : यह पहली बार नहीं था जब आचार्य सत्येंद्र दास की तबीयत बिगड़ी थी। इससे पहले भी 15 अक्टूबर 2024 को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अयोध्या से लखनऊ के SGPGI अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रकाश चंद्र पांडेय की देखरेख में उनका इलाज चला था। कई दिनों तक इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार हुआ था और उन्हें अयोध्या वापस भेज दिया गया था।
अयोध्या में होगा अंतिम संस्कार : आचार्य सत्येंद्र दास के निधन की खबर से अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके अनुयायी और श्रद्धालु बड़ी संख्या में अयोध्या में जुट रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर से जुड़े संत-महंतों और भक्तों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है। उनका पार्थिव शरीर अयोध्या भेज दिया गया है, जहां पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
आचार्य जी का जीवन : आचार्य सत्येंद्र दास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में हुआ था। बचपन से ही वे अयोध्या में रहे, जहां धार्मिक वातावरण का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री प्राप्त की और 1976 में अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त हुए। शिक्षण के साथ-साथ वे राम जन्मभूमि से जुड़े धार्मिक कार्यों में सक्रिय रहे, 1992 में, राम जन्मभूमि के तत्कालीन पुजारी लालदास को हटाने के बाद, आचार्य सत्येंद्र दास को मुख्य पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया।
उन्होंने 1 मार्च 1992 से उन्होंने रामलला की सेवा का कार्यभार संभाला। प्रारंभ में, उन्हें मासिक 100 रुपये पारिश्रमिक मिलता था, जो समय के साथ बढ़कर 12,000 रुपये हो गया। आचार्य सत्येंद्र दास ने 1992 के बाबरी विध्वंस से लेकर राम मंदिर निर्माण तक की पूरी प्रक्रिया के साक्षी रहे। उन्होंने 6 दिसंबर 1992 की घटना के दौरान रामलला की सुरक्षा सुनिश्चित की।
श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन और मंदिर निर्माण में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका : आचार्य सत्येंद्र दास न केवल श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी थे, बल्कि उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने दशकों तक मंदिर में पूजा-अर्चना की और श्रीराम भक्तों का मार्गदर्शन किया। उनके नेतृत्व में रामलला की सेवा पूरी श्रद्धा और परंपरा के अनुसार होती रही।
उनके निधन से राम मंदिर से जुड़े श्रद्धालुओं और संत समाज में गहरी शोक की भावना है। उनके अनुयायियों का कहना है कि उन्होंने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपना जीवन श्रीराम की सेवा में अर्पित कर दिया था।
संत समाज और भक्तों ने जताया शोक : आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर अयोध्या के संत समाज और भक्तों ने गहरा शोक प्रकट किया है।
- महंत नरेंद्र गिरी (अखाड़ा परिषद अध्यक्ष) ने कहा, “आचार्य सत्येंद्र दास जी का जाना हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने पूरी निष्ठा से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में सेवा की और उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। भगवान श्रीराम उनकी आत्मा को शांति दें।”
- महंत धर्मदास (हनुमानगढ़ी पीठाधीश्वर) ने कहा, “वह एक महान संत थे, जिन्होंने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण श्रीराम की भक्ति में समर्पित किया। उनके जाने से अयोध्या के संत समाज को बड़ी क्षति हुई है।”
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की सेवा की। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति दें।”
आचार्य सत्येंद्र दास जी का निधन निश्चित रूप से अयोध्या और संपूर्ण सनातन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी सेवा, भक्ति और मंदिर में उनकी भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी। भगवान श्रीराम उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।