आयुष्मान भारत योजना में बड़ा घोटाला : बिलासपुर समेत कई जिलों के अस्पतालों पर फर्जीवाड़े के आरोप, जांच के बाद कड़ी कार्रवाई…
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रायपुर। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना, जो गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने के लिए शुरू की गई थी, अब बड़े घोटाले की जद में आ गई है। राज्य स्तरीय जांच में बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और भिलाई के कई निजी अस्पतालों द्वारा फर्जीवाड़े के प्रमाण मिले हैं। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कई अस्पतालों को योजना से बाहर करने, निलंबित करने और नोटिस जारी करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई : लंबे समय से मिल रही शिकायतों के बाद स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने हेल्थ कमिश्नर डॉ. प्रियंका शुक्ला को राज्यभर के निजी अस्पतालों की जांच का निर्देश दिया। इसके तहत 14 विशेष टीमों का गठन किया गया, जिन्होंने कई अस्पतालों पर औचक निरीक्षण किया और बड़े पैमाने पर अनियमितताएं उजागर कीं।
कैसे हुआ घोटाला?
- ✅ स्वस्थ नवजातों को कुपोषित बताकर सरकार से ज्यादा फंड लिया गया।
- ✅ मरीजों के इलाज के नाम पर फर्जी क्लेम किए गए।
- ✅ बिना योग्य डॉक्टरों के इलाज किया गया।
- ✅ नकली मेडिकल रिपोर्ट बनाकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई।
गंभीर अनियमितताओं पर अस्पतालों पर गिरी गाज, स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए :
- ➡️ 15 अस्पतालों को आयुष्मान योजना से बाहर कर दिया।
- ➡️ 8 अस्पतालों को 3 से 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया।
- ➡️ 4 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
क्या होगी अगली कार्रवाई? स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि जो भी अस्पताल घोटाले में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ और सख्त कदम उठाए जाएंगे।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगी, या यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा? आयुष्मान योजना की विश्वसनीयता को बचाने के लिए इस घोटाले में शामिल सभी दोषियों को कड़ी सजा देने की जरूरत है।