मां दंतेश्वरी की दान पेटी 6 महीने बाद खोली गई, भक्तों की भक्ति से भरा खजाना – 19 लाख से ज्यादा नकद और बहुमूल्य आभूषण मिले…

दंतेवाड़ा। बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के प्रति भक्तों की अटूट श्रद्धा एक बार फिर देखने को मिली। छह महीने बाद खोली गई दान पेटियों से 19 लाख 1 हजार 735 रुपए नकद और सोने-चांदी के आभूषण प्राप्त हुए। इसके अलावा, सैकड़ों भक्तों ने माता के चरणों में अपनी मनोकामनाओं से भरे पत्र भी समर्पित किए हैं, जिनमें संतान सुख, रोजगार, विवाह और समृद्धि की प्रार्थनाएं की गई हैं।
पारदर्शिता के साथ हुई दान गणना : मंदिर की दान पेटियां टेंपल कमेटी व्यवस्थापक, तहसीलदार विनीत सिंह, प्रधान पुजारी हरेंद्र नाथ और सहायक पुजारी लोकेंद्र नाथ की मौजूदगी में खोली गईं। इससे पहले, 5 अगस्त 2024 को दान की गणना की गई थी। इस बार भी दान गणना प्रक्रिया पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ संपन्न की गई। इस दौरान टेंपल कमेटी के प्रमुख सदस्य बीरो मांझी, महादेव नेताम, मुकुंद ठाकुर, सुखराम ठाकुर, शिवचंद्र कतियाररास, डीआर नाग, त्रिनाथ ठाकुर और विजय पटनायक भी मौजूद रहे।
मां दंतेश्वरी-बस्तर की आराध्य देवी : बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में हर साल हजारों श्रद्धालु अपनी आस्था प्रकट करने पहुंचते हैं। मान्यता है कि माता अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करती हैं। देशभर से लोग यहां आकर संपन्न जीवन, सफलता और सुख-शांति की कामना करते हैं। दान गणना में प्राप्त राशि को मंदिर के विकास, सेवा कार्यों और धार्मिक अनुष्ठानों में खर्च किया जाएगा। मंदिर प्रशासन का कहना है कि इस बार मिली राशि और आभूषणों का उपयोग भक्तों की सुविधाओं को बेहतर बनाने में किया जाएगा।
श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक मां दंतेश्वरी मंदिर : मां दंतेश्वरी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, विश्वास और चमत्कारों का केंद्र भी है। यहां हर साल हजारों भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और माता के चरणों में दान, आभूषण और श्रद्धा पत्र समर्पित करते हैं। मंदिर प्रशासन के अनुसार, भक्तों की आस्था और सहयोग से मंदिर की भव्यता और धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ता जा रहा है।