बालोद

मेड़की का मुक्तिधाम, सुविधाओं के नाम पर बहा रहा आंसू

पंचायत के सरपंच - सचिव विकास की ओर नहीं दे रहे ध्यान,,, ग्रामीणों में आक्रोश

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर ही ग्राम मेड़की के मुक्ति धाम की तस्वीर देखिए, जो बरसात के दिनो में खेत में रोपा लगाने लायक दिख रही है। साफ जाहिर है कि ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव दोनो मिलकर विकास को किस पायदान पर ले जा रहे है कि गांव के किसी बुजुर्ग की मौत हो जाए तो उसे भी अंतिम संस्कार तक काफी मशक्कत के बाद ही चिता नसीब हो रही है। जबकि ग्राम पंचायत में शासन से भारी भरकम राशि विकास कार्यों के लिए जारी की जा रही है।

क्या कलेक्टर साहब? आपके जनपद के अधिकारी इस मुक्ति धाम का करेंगे निरीक्षण, यहां दाह संस्कार के लिए चिता जलाने लकड़ी ढो रहा ट्रेक्टर ही धंस गया। जिसे टोचन के सहारे बाहर निकाला गया। बता दें कि ग्राम पंचायत ओरमा में लगभग 18 से 20 साल से पदस्थ पंचायत सचिव जिनका नाम संतोष साहू है जिनके ही मार्गदर्शन में प्रशासनिक कार्य एवं निर्माण कार्य का निरीक्षण एवं देखरेख के अभाव में आज मुक्ति धाम अपने आप में बदहाली के आंसू बहा रहा है।

बड़ी विडंबना इस बात की है कि बालोद जिले का निर्माण सन 2012 के बाद लगभग आठ से दस कलेक्टर आते जाते रहे हैं परंतु ग्राम पंचायत ओरमा जैसे एक पंचायत में लगभग 18 से 20 साल तक पंचायत सचिव अपना सेवाएं दे रहे है, फिर भी ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम मेड़की में मुक्तिधाम आज अपने आप में जनप्रतिनिधि की उदासीनता एवं पंचायत सचिव की लापरवाही का दंश झेल रही है। कभी किसी के शोक कार्यक्रम में बरसात में जाएं तो लोग इस मुक्तिधाम के बारे में आलोचना ही करते नही थकते। जबकि इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते ही यह स्थिति निर्मित हुई है।

उक्त मामले में आज हमारे संवाददाता ग्राम पंचायत ओरमा पहुंचे जहां पर रोजगार सहायक उपस्थित मिली। वही उन्होंने बताया कि आज पंचायत सचिव नहीं आए हैं। उक्त मामले में पंचायत सचिव से फोन द्वारा संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन पंचायत सचिव संतोष साहू का फोन कवरेज क्षेत्र से बाहर बताया गया। पिछली 5 साल के कांग्रेस कार्यकाल में भी नहीं हो पाया मुक्तिधाम का विकास कार्य। लेकिन अब भी भाजपा के 9 माह के सुशासन के कार्यकाल में भी अधिकारी निरीक्षण करना उचित नहीं समझ रहे हैं। जो कि यह मामला मूलभूत सुविधा में से एक है। जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले पांच वर्षों में ग्राम पंचायत ओरमा को लगभर 1 करोड़ 48 लाख रुपए शासन से जारी हुए है जिसमे वित्तीय वर्ष 2019-20 में लगभग 21 लाख, वित्तीय वर्ष 2020-21 में लगभग 21 लाख, वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 19 लाख, वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 49 लाख, वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 38 लाख धन राशि आवंटित की गई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शासन से प्राप्त रकम किस ओर खर्च हो रही है। वही ग्रामीण मुक्तिधाम में भी दलदल व कीचड़ से परेशान है। मुक्तिधाम की स्थिति देखकर ग्रामीण काफी आक्रोशित नजर आए। वही मुक्ति धाम में असमाजिक तत्वों का भी डेरा लगा रहता है। गांव के ही प्रतिष्ठित किराना व्यवसायी के मां के निधन के पश्चात ग्रामीण आसपास के रिश्तेदार व व्यापारी एवं अन्य मेहमान जब इस मुक्तिधाम पहुंचे तो ग्राम पंचायत के विकास की पोल साफ दिखाई दी।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)
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