बालोद

गणेश विसर्जन जुलूस में ध्वनि प्रदूषण रोकने के प्रयास में शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले आदतन अपराधी विशाल मोटवानी को राजहरा पुलिस ने किया गिरफ्तार

राजहरा वार्ड 24 के इस पार्षद पर चोरी का था अपराध दर्ज

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद/राजहरा। थाना राजहरा क्षेत्र में गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए डीजे बंद करने की पुलिस कार्रवाई में बाधा उत्पन्न करने और अश्लील गाली गलौज करने वाले आदतन अपराधी विशाल मोटवानी को राजहरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक बालोद योगेश कुमार पटेल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोनिका ठाकुर की टीम ने प्रभावी कार्यवाही की, जिससे धार्मिक आयोजन में अनुशासन कायम रखने का संदेश जिले के लोगो को मिला।

दिनांक 10 सितम्बर को राजहरा शहर में निकाली गई गणेश विसर्जन झांकी के दौरान प्रशासन ने निर्धारित समय के पश्चात तेज आवाज वाले डीजे साउंड सिस्टम बंद करने का निर्देश दिया हुआ था। ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण एवं सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल ने आयोजकों से आवाज कम करने को कहा। इसी बीच गुंडा प्रवृत्ति के विशाल मोटवानी ने पुलिस अधिकारी सहायक उप निरीक्षक से विवाद करते हुए अश्लील गालियां देते हुए कॉलर पकड़कर धक्का-मुक्की की और शासकीय कार्य में बाधा डाली। इस घटना की रिपोर्ट करते हुए थाना राजहरा में दिनांक 12 सितंबर 2025 को अपराध क्रमांक 286/25 में धारा 132, 221, 296 भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत मामला दर्ज किया गया।

12 सितंबर को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोनिका ठाकुर के मार्गदर्शन में सीएसपी राजहरा डॉ. चित्रा वर्मा, एसडीओपी बालोद देवांश सिंह राठौर, थाना प्रभारी नवीन बोरकर के नेतृत्व में पुलिस टीम ने आदतन अपराधी विशाल मोटवानी को एसडीएम कार्यालय के पास गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। विशाल मोटवानी के खिलाफ पहले भी प्रदेश के विभिन्न थानों में 10 से अधिक अपराध दर्ज हैं।

आपको बता दें कि प्रदेश के अलग अलग थाना क्षेत्रों में आदतन अपराधी विशाल मोटवानी निवासी चिखलकसा, राजहरा के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में कुल 11 अपराध पंजीबद्ध हैं। “जिनमें एक चोरी का मामला दुर्ग जिले के थाना नंदनी नगर, जिला दुर्ग, अपराध क्रमांक 08/2006 में धारा 379 (भादवि) का है।” हमे यह समझ नहीं आता कि राजहरा व्यापारी संघ कैसे किसी अपराधी का खुला समर्थन कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ खड़ा हो गया है। शहर में ये चर्चा और मजाक का विषय बन गया है।

  • थाना राजहरा, जिला दुर्ग, अपराध क्रमांक 61/2001 में धारा 34 ए आबकरी एक्ट
  • थाना राजहरा, जिला दुर्ग, दिनांक 03 मई 2006 अपराध क्रमांक 140/2005 में धारा 451, 332, 294, 427, 506 (भादवि) 25, 26 सुरक्षा अधिनियम
  • थाना राजहरा, जिला दुर्ग, दिनांक 03 अगस्त 2006 अपराध क्रमांक 168/2006 में धारा 294, 506, 323, 34 (भादवि)
  • थाना राजहरा, जिला दुर्ग, दिनांक 10 नवंबर 2006 अपराध क्रमांक 278/2006 धारा 294, 506, 34 (भादवि)
  • थाना नंदनी नगर, जिला दुर्ग, अपराध क्रमांक 08/2006 में धारा 379 (भादवि)
  • थाना राजहरा, जिला दुर्ग, दिनांक 15 मई 2008 को अपराध क्रमांक 82/2008 में धारा 341, 294, 323, 427, 34 (भादवि)
  • थाना राजहरा, जिला दुर्ग, दिनांक 23 मई 2008 को अपराध क्रमांक 83/2008 में धारा 307, 147, 148, 149 (भादवि) 25, 26 आर्म्स एक्ट
  • थाना राजहरा, जिला बालोद दिनांक 21 जुलाई 2015 अपराध क्रमांक 52/2015 में धारा 307, 34 (भादवि)
  • थाना राजहरा, जिला बालोद, अपराध क्रमांक 207/2018 में धारा 341,294,506,323 34 (भादवि)
  • थाना राजहरा, जिला बालोद, दिनांक 20 दिसंबर 2023 को अपराध क्रमांक 33/21 में धारा 341,147,149 (भादवि)
  • थाना राजहरा, जिला बालोद, दिनांक 12 सितंबर 2025 को अपराध क्रमांक 286/25 में धारा 132, 221, 296 (भारतीय न्याय संहिता)

आपको बता दें कि इस व्यक्ति (वर्तमान में दल्ली राजहरा के वार्ड 24 से भाजपा पार्षद) का अपराध से पुराना नाता है। ये शहर में अवैध कारोबार की खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकारों को जान से मारने की धमकी भी दे चुका है और सार्वजनिक जगह अपने बंटरो से पिटवा भी चुका है। “ऐसे ही न जाने शहर के कई पत्रकारों को अपने जूते की नोक से कुचलकर रखा हुआ है। वहीं शहर के डरे और घबराए हुए पत्रकार इससे थर थर कांपते और इसे सलाम ठोकते है।”

इससे पहले, स्थानीय निवासियों ने डीजे साउंड बॉक्स के अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण की शिकायतें की थीं। वृद्धजन, हृदय रोगी और छोटे बच्चे ध्वनि प्रदूषण के कारण जहां मानसिक व शारीरिक संकट में रहते हैं, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। इसके बावजूद डीजे साउंड ने इन आदेशों की अवहेलना की, जिस पर राजहरा और जिला पुलिस ने कार्यवाही की।

भारत में माननीय सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने गणेशोत्सव जैसे सार्वजनिक आयोजनों में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कड़े आदेश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि समय सीमा के बाद ध्वनि यंत्र बंद किए जाएं और यदि कोई नियम तोड़े तो इसपर सख्त कार्यवाही हो।

माननीय सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) दोनों ने डीजे और साउंड सिस्टम के अत्यधिक आवाज बजाने पर कड़े निर्देश दिए हैं:

  1. ध्वनि स्तर 75-85 डेसीबल से ज्यादा नहीं होना चाहिए। 
  2. रात 10 बजे के बाद डीजे, लाउडस्पीकर बंद करना जरूरी है। 
  3. साउंड सिस्टम के लिए साउंड लिमिटर लगाना अनिवार्य है। 
  4. ध्वनि प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने पर प्रशासन एवं पुलिस कड़ी कार्यवाही करें।
  5. ये निर्देश सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा के लिए लागू हैं। 

मतलब, ज्यादा आवाज में डीजे बजाना सीधे तौर पर कानूनी अपराध है! 

राजहरा पुलिस की यह कार्यवाही इस बात का प्रमाण है कि सार्वजनिक आयोजनों में कानून और व्यवस्था बनाए रखना तथा पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी गंभीरता से ली जा रही है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि धार्मिक उत्सवों के दौरान सामाजिक और पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

लोगों का कहना है कि ध्वनि प्रदूषण रोकने से सभी का स्वास्थ्य बेहतर होगा और वृद्धजन, बच्चे व बीमार मरीज राहत महसूस करेंगे।

इस तरह की गिरफ्तारी से संदेश जाता है कि यदि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करेगा, चाहे आदतन अपराधी ही क्यों न हो, चाहे वो कही का नेता क्यों न हो, चाहे कही का पार्षद क्यों न हो उसकी कोई छूट नहीं होगी।

बालोद पुलिस प्रशासन सतर्क हैं और जनता के सहयोग से शांतिपूर्ण और सुरक्षित आयोजनों को सुनिश्चित कर रहे हैं।

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग

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