“सील नकली, दस्तावेज असली, नीयत घिनौनी – जूटमिल पुलिस ने उखाड़ा फर्जीवाड़े का तंत्र!”

रायगढ़, 11 अप्रैल। जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक ठग ने सरपंच की सील, फर्जी हस्ताक्षर और आम नागरिकों के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सुनियोजित ठगी को अंजाम दे रहा था। पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल के कुशल नेतृत्व और एडिशनल एसपी आकाश मार्गम के मार्गदर्शन में जूटमिल थाना और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने इस हाई-प्रोफाइल फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए मुख्य आरोपी को धर दबोचा है।
मुख्य आरोपी राहुल साहू (24 वर्ष), निवासी भेड़ीकोना, थाना मालखरौदा, जिला सक्ती को गिरफ्तार किया गया है। यह ठग खुद को ठेकेदार बताकर भोले-भाले लोगों को झांसे में लेता था, उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाकर पासबुक, एटीएम, चेकबुक और सिम कार्ड हड़प लेता था। यही नहीं, आरोपी ने अपने गांव के सरपंच की फर्जी सील और नकली हस्ताक्षर तैयार कर तीन फर्जी कंपनियां — गणेश ट्रांसपोर्ट, हरि जनरल स्टोर और राकेश ट्रेडर्स — के नाम से दस्तावेज बनवाए और उनसे आर्थिक लेनदेन करता रहा।
कैसे हुआ भंडाफोड़ : शिकायतकर्ता बाबूलाल यादव (31 वर्ष), निवासी छिन्द, थाना सारंगढ़, रायगढ़ में किराए पर रहकर काम करता है। उसकी मुलाकात खीरसागर श्रीवास के माध्यम से राहुल साहू से हुई। राहुल ने उसे सरकारी भुगतान और ठेकों में कमीशन का लालच देकर IDBI बैंक और ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक में खाते खुलवाए। बाबूलाल के दस्तावेजों से खुलवाए गए खाते और मोबाइल सिम खुद राहुल ने रख लिए।
बाद में जब बाबूलाल और अन्य पीड़ितों को अपने नाम पर हो रही संदिग्ध गतिविधियों की भनक लगी, तो उन्होंने जूटमिल थाना में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अपराध क्रमांक 122/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) के तहत मामला दर्ज किया।
फिल्मी स्टाइल में पकड़ा गया ठग : निरीक्षक प्रशांत राव, उपनिरीक्षक भागीरथी चौधरी और साइबर सेल की टीम ने मिलकर आरोपी को दबोचा। पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसके मेमोरेण्डम पर पुलिस ने दो मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और पासबुक जब्त की है। अब आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
पुलिस की कड़ी चेतावनी – दस्तावेज सौंपने से पहले सोचें सौ बार : जूटमिल पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति कितना भी जानकार या विश्वसनीय क्यों न लगे, अपने दस्तावेज, आधार, पैन, बैंक खाते या सिम से जुड़ी जानकारी न दें। यदि आपके दस्तावेज का दुरुपयोग हुआ, तो आप भी अपराधी माने जाएंगे।
सतर्क रहें, जागरूक बनें, ठगों से दूर रहें — क्योंकि साइबर और आर्थिक अपराधों से बचाव का सबसे बड़ा हथियार आपकी सतर्कता है।