विश्वासघात की रात : नौकर ने की बुज़ुर्ग मालिक की बर्बर हत्या, पुलिस ने 24 घंटे में खोला हत्याकांड का राज…

रायगढ़। जिले के लैलूंगा थाना क्षेत्र अंतर्गत मोहनपुर गांव की शांत फिजाओं में उस रात चीखें गूंज रही थीं। एक बुज़ुर्ग दुकानदार अपने ही भरोसेमंद नौकर के हाथों बेरहमी से मारा गया। लेकिन इससे पहले कि हत्यारा चैन की नींद सो पाता, लैलूंगा पुलिस ने चौंका देने वाली तेजी दिखाते हुए महज 24 घंटे में हत्या की गुत्थी सुलझा दी।
मरने वाला कोई आम इंसान नहीं था राम सुखेन शर्मा (70), एक सीधा-सादा दुकानदार, जिसने पूरी उम्र गांव की सेवा की, अकेलेपन में जीता रहा… और आखिरकार उसी ने धोखा खाया जिसे उसने रोटी दी, छत दी और भरोसा किया।14 अप्रैल की सुबह मृतक के छोटे भाई रामनिवास शर्मा ने थाने पहुंचकर बताया कि कुछ तो गड़बड़ है। थाना प्रभारी विजय चेलक की टीम ने जब मोहनपुर पहुंचकर शव की जांच की, तो एक-एक चोट का निशान चीख-चीख कर कह रहा था यह हत्या है! शक की सुई नौकर संतुराम यादव पर टिकी। पुलिस ने खोजबीन शुरू की और कुछ ही घंटों में उसे धर दबोचा। पूछताछ में जो खुलासा हुआ, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था।
हत्या सिर्फ पैसों के लिए की गई : 13 अप्रैल को संतुराम 800 रुपए मांगकर गया था। पैसे कम लगे, तो रात में लौट आया – इस बार हाथ में था बांस का डंडा और दिल में लालच की आग। उसने सोते हुए बुज़ुर्ग को पीट-पीटकर मार डाला। फिर घर में रखे करीब 40,000 रुपए लूट लिए और फरार हो गया। लेकिन लैलूंगा पुलिस की नज़रें बाज जैसी थीं। आरोपी की निशानदेही पर 27,500 रुपए नकद, हत्या में इस्तेमाल बांस का डंडा और पैसा रखने वाला झोला जब्त कर लिया गया।
संतुराम यादव, उम्र 25 वर्ष, निवासी मोहनपुर, के खिलाफ अपराध क्रमांक 92/2025, धारा 103(1), 306, 309(2), 332 बीएनएस के तहत हत्या और लूट का केस दर्ज हुआ और उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
इस पूरे ऑपरेशन में पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के नेतृत्व में, एएसपी आकाश मरकाम, एसडीओपी सिद्धांत तिवारी, और जांबाज थाना प्रभारी विजय चेलक व उनकी टीम एएसआई चंदन नेताम, हेमंत कश्यप, राजेश दर्शन, रामरतन भगत, नंदु पैंकरा, सुखदेव साय, सुरेश मिंज, एलियस केरकेट्टा और पूनम साहू ने जो तत्परता और तीव्रता दिखाई, वो तारीफ़ के काबिल है।