रायपुर

रायपुर : राजस्व प्रकरणों का पंजीयन और पेशी की तारीख अपडेट नहीं करने वाले अधिकारियों पर होगी कड़ी कार्यवाही : मंत्री श्री टंकराम वर्मा

◆ फौती, नामांतरण एवं बटवारा, जैसे प्रकरणों के निराकरण के लिए गांवों में लगेंगे शिविर

रायपुर। राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने आज प्रेसवार्ता लेकर राज्य में चलाए जा रहे राजस्व पखवाड़ा, राजस्व प्रकरणों एवं अन्य राजस्व विषयों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप राज्य में सुशासन स्थापित करने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आमजनों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।

राजस्व पखवाड़ा में राजस्व विभाग से संबंधित समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए 6 से 20 जुलाई तक सभी जिलों के ग्रामों में शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों के माध्यम से बी-1, खसरा के नकल एवं किसान किताबों के आवेदनों का शिविर स्थल पर ही निराकरण किया जाएगा। इसी तरह आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र संबंधी समस्त आवेदनों को लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से ऑनलाईन प्रविष्टि एवं शत-प्रतिशत निराकरण किया जाएगा।

शिविर में प्राप्त होने वाले फौती नामांतरण, बटवारा, त्रुटि सुधार के प्रकरणों का मौके पर ही ऑनलाईन अपलोड कर हल्का पटवारी द्वारा प्रतिवेदन, पंचनामा आदि की प्रविष्टि एवं मौके पर ईश्तहार जारी कर पक्षकारों को तामिल कराया जाकर प्रकरणो का निराकरण किया जाएगा। राज्य में अभी 7 लाख 4 हजार 154 दर्ज प्रकरणों में से 5 लाख 90 हजार 490 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। लंबित प्रकरणों को समय-सीमा में निराकृत करने के निर्देश संबंधित राजस्व अधिकारियों को दिए गए।

लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के तहत् राजस्व विभाग के 25 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है। इसमें नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, व्यपवर्तन, ऋण पुस्तिका, आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, अपील, पुनरीक्षण, पुनर्विलोकन के मामले, त्रुटि सुधार, राजस्य पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा से हुए क्षति पर आर्थिक सहायता के प्रकरणों का निर्धारित समय सीमा अंदर निराकरण किया जाएगा। विवादित प्रकरणों के निराकरण हेतु सभी राजस्व अधिकारी नियमित रूप से न्यायालय में आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन कर गुणवत्ता युक्त निर्णय यथाशीघ्र सुनिश्चित करेंगे।

राजस्व मंत्री ने कहा कि राजस्व न्यायालय के सभी पीठासीन अधिकारियों को सभी राजस्व प्रकरणों को पंजीकृत करने, शून्य आदेश पत्र वाले प्रकरणों एवं ऐसे प्रकरण जिसमें पेशी तारीख की तिथि अद्यतन नहीं किये है, उन्हें शीघ्र ही पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया जा रहा है, अन्यथा अनुशानात्मक कार्यवाही की जाएगी। इसी तरह राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 अंतर्गत प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, आकाशीय बिजली गिरने, अग्नि दुर्घटना से होने वाले फसल क्षति, मकान क्षति और पशु एवं जनहानि हेतु आर्थिक सहायता हेतु समी 33 जिलों को 143 करोड़ 54 लाख रूपये की राशि जारी की जा रही है। भू-अभिलेख संबंधी समस्याओं जैसे भुईयां सॉफ्टवेयर, भू-नक्शा एवं ई-कोर्ट में तकनीकी कारणों से होने वाले समस्या से निपटने के लिए सभी जिलों में एक-एक सहायक प्रोग्रामरों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। क्लाउड में स्पेस बढ़ाया जा रहा है। भुईयां और ई-कोर्ट सॉफ्टवेयर में व्हाट्स एप का इंटीग्रेशन किया जा रहा है। जिससे जन सामान्य को सभी तरह की सूचनाएं व्हाटस-एप से मिल सकें। सभी प्रकार के भू-राजस्व प्राप्तियों के लिए पेमेंट गेट-वे की शुरूआत की जा रही है। अभी तक ट्रेजरी चालान के माध्यम से भू-राजस्व जमा होता था। अब बैंक खाते, यूपीआई आईडी और नेट बैंकिंग के माध्यम से भू-राजस्व जमा किया जा सकता है। भूमिस्वामी के खातों में आधार, मोबाईल नंबर और किसान किताब नंबर की प्रविष्टि यथाशीघ्र शत-प्रतिशत पूर्ण जावेगा।

स्वामित्व योजना अतर्गत राज्य के सभी ग्रामों की आबादी भूमि का ड्रोन के माध्यम से सर्वे का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जिसमें से 10375 ग्रामों का मैप-1 प्राप्त हो गया है। अक्टूबर 2024 तक सभी ग्रामों के आबादी भूमि धारकों को अधिकार अभिलेख वितरण का लक्ष्य रखा गया है।

कोटवारों द्वारा विक्रय की गई सेवाभूमि और कोटवारी भूमि के विरुद्ध विधि सम्मत कार्यवाही शीघ्र ही करने निर्देशित किया गया है। डिजिटल क्रॉप सर्वे हर मौसम में उगाये फसल का रिकार्ड रखने हेतु जियो टैगिंग के माध्यम से फील्ड में जाकर ही फसल सर्वेक्षण (गिरदावरी) मोबाईल एप के माध्यम से किया जा रहा है। इससे राज्य, जिला, तहसील एवं ग्राम में उगाई जाने वाली फसलों की जानकारी आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा। जिससे फसलों के आयात-निर्यात, प्रधानमंत्री फसल बीमा एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु आवश्यक डाटा उपलब्ध होगी। जियो-रिफ्रेंसिंग प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजनांतर्गत राज्य के सभी राजस्व ग्रामों के पटवारी नक्शा का जियो रिफ्रेसिंग कर डाटा निर्माण किये जाने की कार्यवाही राज्य में प्रारंभ हो गई है, जिसके लिए चिप्स को तकनीकी एजेंसी नियुक्त किया गया है।

Ambika Sao

सह-संपादक : छत्तीसगढ़
Back to top button
error: Content is protected !!