रायपुर

रायपुर : परख सर्वेक्षण से परखेंगे विद्यार्थियों की पढ़ाई का स्तर ; दिसंबर में होगी परीक्षा, शिक्षा विभाग ने जारी किए दिशा निर्देश…

रायपुर। एनसीईआरटी की गाइडलाइन के अनुसार दिसम्बर माह में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण का आयोजन कक्षा तीन, छह एवं नौ के लिए किया जाएगा। यह सर्वे प्रारम्भिक परीक्षा में विद्यार्थियों की उपलब्धि के स्तर का जायजा लेने के लिए कराया जा रहा है। सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठचर्या रूपरेखा 2023 के साथ उच्च गुणवत्ता युक्त वैश्विक मूल्यांकन विकसित करना है। शिक्षा अधिकारियों के अनुसार यह राष्ट्रीय सर्वेक्षण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप कक्षा तीन, छह एवं नौ में आधारभूत प्रारम्भिक एवं मध्य चरणों के अंत में छात्रों की दक्षता का आकलन करना है।

सर्वे परिणाम के आधार पर शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी। सुधार के लिए नीतिगत निर्णय लिए जाएंगे।

सर्वे में कक्षा तीन के लिए भाषा, गणित एवं हमारे आसपास की दुनिया से 90 मिनट में 45 प्रश्न पूछे जाएंगे। कक्षा छह के लिए उक्त विषय से संबंधित 51 प्रश्न 90 मिनट में पूछे जाएंगे। जबकि कक्षा नौ में भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान के 60 प्रश्न 120 मिनट पर हल करने होंगे।

इस तहर होगा स्कूलों का चयन : परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 के लिए सेंपल शालाओं के रूप में जिले की शासकीय शालाओं सहित मप्र शासन से अनुदान प्राप्त शालाओं, गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं, केंद्रीय, नवोदय विद्यालयों को चयनित किया गया है। भाषा के संबंध में भी यह स्पष्ट किया गया है कि सेंपल शाला अंतर्गत जिस माध्यम की शाला चयनित होती है, उस माध्यम की प्रथम भाषा पर सर्वे होगा। यदि अंग्रेजी माध्यम की कई शाला सेम्पल शाला के रूप में चयनित की जाती हैं, तो वहां अंग्रेजी भाषा को सर्वे में शामिल किया जाएगा।

शिक्षक नहीं बनेंगे फील्ड इन्वेस्टिगेटर : फील्ड इन्वेस्टिगेटर का चयन डाइट प्राचार्य करेंगे। एक कक्षा के लिए एक फील्ड इन्वेस्टिगेटर होगा। फील्ड इन्वेस्टिगेटर्स के रूप में डाइट में अध्ययनरत डीएलएड प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षणार्थियों का चयन किया जाएगा। जरूरत पडऩे पर बीएड एवं एमएड के प्रशिक्षणार्थियों का चयन किया जाएगा। इसके बावजूद यदि कमी पड़ती है तो शासकीय कॉलेज के विद्यार्थी, अशासकीय प्रशिक्षण संस्थाओं के डीएलएड, बीएड, एमएड प्रशिक्षणार्थियों को ले सकते हैं, लेकिन यह शिक्षक नहीं होने चाहिए।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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