रायपुर

रायपुर : केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के आंचलिक कार्यालय का किया उदघाटन ; ड्रग्स तस्करी रोकने के लिए रणनीति तैयार करने बैठक शुरू…

रायपुर। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो रायपुर का आंचलिक इकाई केंद्रीय सचिवालय भवन, तृतीय तल, डी-विंग, सेक्टर-24, नवा रायपुर अटल नगर में स्थित है।

छत्तीसगढ़ से 6 राज्यों ओडिशा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश की सीमा लगी हुई है। यह मादक पदार्थों की तस्करी के लिए देश भर में कॉरिडोर का काम करती है। यह एजेंसी अलग-अलग राज्यों और केंद्र के साथ मिलकर काम करेगी।

नक्सलवाद के बाद दूसरे दिन देश भर में ड्रग्स तस्करी रोकने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री शाह की इस बैठक में राज्य और केंद्र सरकार के अलग-अलग विभाग के अधिकारी शामिल हैं। उनसे ड्रग्स नेटवर्क, इसे रोकने, कार्रवाई, युवाओं और स्टूडेंट्स में जागरूकता को लेकर चर्चा की जा रही है। बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो, राजस्व खुफिया निदेशालय, रेलवे सुरक्षा बल, भारतीय डाक, राज्य औषधि नियंत्रक, फोरेंसिक विज्ञान एक्सपर्ट, सामाजिक न्याय मंत्रालय, प्रवर्तन निदेशालय, राज्य एड्स नियंत्रण संगठन के केंद्र से और राज्य से अफसर हिस्सा ले रहे हैं। उनके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव, गृह विभाग के सचिव, पुलिस, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, समाज कल्याण मंत्रालय, वन विभाग, कृषि विभाग, राज्य उत्पादन शुल्क, उच्च शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग जैसे डिपार्टमेंट के सचिव भी शामिल हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अफसरों से कहा कि, ड्रग्स तस्करी की जांच को साइंटिफिक तरीके से करें। टॉप टू बॉटम अप्रोच को अडॉप्ट करना पड़ेगा। एक दुकान में नशे की पुड़िया आई तो पता करना होगा कि देश में कहां से आई, कहां बनी। इसके नेटवर्क को ध्वस्त करना पड़ेगा। कहा कि, ड्रग डीलर की संपत्ति जब्त कीजिए।

जॉइंट कोऑर्डिनेशन हो, अधिकारी सिर्फ फॉर्मेलिटी ना करें : अमित शाह ने निर्देश दिए हैं कि अधिकारियों को रेगुलर बैठक करने की जरूरत है। इसमें लक्ष्य तय किए जाने चाहिए, फॉर्मेलिटी नहीं होनी चाहिए। जो लक्ष्य तय हुआ, उसके अचीवमेंट का रिव्यू भी अधिकारियों को करना होगा। तभी जाकर हम इस पर काम अच्छी तरह से कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि, जॉइंट कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाकर इस तंत्र का बेहतर उपयोग करना चाहिए। फाइनेंशियल ट्रेड और फंडिंग के सोर्स इसकी जांच करते हुए मजबूत केस बनाकर एक्शन लीजिए।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)
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