रायगढ़

रायगढ़ में क्रांति की हुंकार : “अब नहीं सहेंगी बहनें!” महिला समन्वय विभाग का प्रशासन को अल्टीमेटम – अब बाजार नहीं बनेगा नारी सम्मान का शवगृह!…

रायगढ़। जिले में महिलाओं की अस्मिता, सुरक्षा और स्वाभिमान को लेकर एक ऐसा ऐलान हुआ है जिसने पूरे सिस्टम की चूलें हिला दी हैं।

“महिला समन्वय विभाग रायगढ़” ने समाज में तेजी से पनप रही उन गंदी प्रवृत्तियों पर सीधा वार किया है जो बाजारवाद की आड़ में महिलाओं की गरिमा को रौंद रही हैं।

“मेंहदी लगाना नहीं, छूने का बहाना बन गया!”

शहर की सड़कों पर पुरुषों द्वारा मेंहदी लगाने की कला नहीं, अश्लीलता का मंचन हो रहा है।
महिला समन्वय ने सवाल दागा:
“क्या हम इतने संसाधनविहीन हैं कि महिलाओं को पुरुषों से हाथ रंगवाने पड़ें?”
“या फिर यह नई किस्म की शालीनता के नाम पर अश्लीलता है?”

“साड़ी पहनाने वाले पुरुष – शर्म करो!”

टेलर की दुकान हो या बुटिक – महिलाओं के शरीर की नाप लेते पुरुष,
दुल्हनों का मेकअप करते मर्द,
साड़ी पहनाकर प्रदर्शन करते दर्जी –
यह सभ्यता नहीं, सभ्यता का चीरहरण है।

“बार और पार्लर स्त्रियों के लिए या शोषण के लिए?”

रायगढ़ के कई बारों में महिलाएं शराब परोस रही हैं। पार्लर में पुरुष ब्यूटीशियन महिलाओं के शरीर पर काम कर रहे हैं।
महिला समन्वय ने दो टूक कहा –
‘ये सब बंद होगा या विरोध की आग में झुलसेगा पूरा तंत्र!’

“महिलाओं के कोचिंग सेंटर में पुरुष कोच? CCTV क्यों जरूरी है?”

किसी महिला कोचिंग में पुरुष कोच रखना ही क्यों,
अगर वहां CCTV और शिकायत पेटी रखना जरूरी हो जाए?
यही सवाल उठाया है महिला समन्वय विभाग ने।
“क्या नारी शिक्षा और प्रशिक्षण की कीमत सुरक्षा से चुकानी पड़ेगी?”

“कपड़े की दुकान हो या टेटू पार्लर – निजी अंग अब नहीं होंगे पब्लिक प्रॉपर्टी!”

शहर में पुरुष टेटू आर्टिस्ट महिलाओं के शरीर पर टैटू बना रहे हैं,
टेलर महिलाओं की ब्लाउज़ और पेटीकोट की नाप ले रहे हैं।
क्या महिलाओं की देह, पुरुषों के हुनर की प्रयोगशाला बन चुकी है?

“रात की शिफ्ट में काम नहीं, शोषण होता है!”

कैफे और होटलों में रात तक काम करती लड़कियाँ सिर्फ़ श्रमिक नहीं, सबसे असुरक्षित तबका बन चुकी हैं।
महिला समन्वय ने मांग की है कि
रात 8 बजे के बाद महिलाओं से काम लेना प्रतिबंधित हो,
वरना जिम्मेदार वही होंगे जो उन्हें देर तक रोकते हैं।

प्रशासन और समाज को खुले शब्दों में चेतावनी :

“अगर दिशानिर्देश नहीं जारी हुए तो रायगढ़ की सड़कों पर उग्र आंदोलन होगा।
हर दुकान, हर संस्था, हर गलती – चिन्हित कर विरोध होगा।
ये सिर्फ़ आगाज है, अंजाम बहुत दूर तक जाएगा।”

महिला समन्वय विभाग की 8 बड़ी माँगें :

  1. मेंहदी लगाने का काम सिर्फ महिलाओं से कराया जाए।
  2. महिला वस्त्रों की नाप लेने का कार्य केवल महिला टेलर करें।
  3. पार्लर, जिम, योगा – महिला ग्राहकों के लिए महिला कर्मचारी हों।
  4. रात की शिफ्ट में महिलाओं से काम न लिया जाए।
  5. बार में महिलाओं को शराब परोसने से रोका जाए।
  6. विवाह कार्यक्रमों में पुरुषों द्वारा मेकअप पर रोक लगे।
  7. महिलाओं के कार्यक्रमों की व्यवस्था में पुरुषों की नियुक्ति पर रोक।
  8. कोचिंग सेंटर और क्रीड़ा संस्थानों में CCTV, महिला शिक्षक की अनिवार्यता।

यह सिर्फ़ चेतावनी नहीं, नारी गरिमा की क्रांति है!

“अब नारी के सम्मान को नजरंदाज़ करने वाले हर हाथ को झटक दिया जाएगा।
यह आग धीमी नहीं होगी, जब तक समाज की सोच नहीं बदलेगी।”

यह सिर्फ़ खबर नहीं… चेतावनी है।
अगर अब भी नहीं चेते, तो इतिहास गवाह बनेगा और महिलाएं निर्णायक लड़ाई लड़ेंगी।

क्योंकि अब… “नहीं सहेंगी बहनें!”

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!