रायगढ़

रायगढ़ पुलिस का सनसनीखेज खुलासा : मात्र 48 घंटों में दोहरे हत्याकांड के आरोपी को किया गिरफ्तार, पुलिस ने किया जबरदस्त पर्दाफाश!…

रायगढ़। रायगढ़ पुलिस ने महज 48 घंटों के अंदर दोहरी हत्या के मामले को सुलझाकर अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ इस जघन्य हत्या को उजागर किया है, जिसने पूरी जिले को हिला कर रख दिया। पुसौर थाना क्षेत्र के संवरा पारा में मां-बेटी की हत्या की घटना ने इलाके में दहशत फैला दी थी, लेकिन पुलिस ने अपनी तीव्र कार्रवाई से साबित कर दिया कि अपराधियों को कहीं भी छिपने का मौका नहीं मिलेगा।

15 अप्रैल 2025 को पुसौर के संवरा पारा में महिला उर्मिला संवरा (50 वर्ष) और उनकी बेटी पूर्णिमा संवरा (24 वर्ष) के शव मिलने के बाद पुलिस की हरकत में आ गई। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और तकनीकी साक्ष्यों की जांच की, और जल्द ही आरोपी तक पहुंचने में सफलता हासिल की। पूरे मामले का खुलासा पुलिस महानिरीक्षक डॉ० संजीव शुक्ला के निर्देशन में हुआ, जब रायगढ़ पुलिस ने एक के बाद एक सुराग जोड़कर हत्यारे को सलाखों के पीछे पहुंचाया।

आरोपी शुभम सेठ (20 वर्ष), जो कि मृतिका के घर के पास किराना दुकान चलाता था, ने अपराध स्वीकार करते हुए खुलासा किया कि उर्मिला और पूर्णिमा से उसका कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। बदले की भावना से भरा हुआ शुभम, 14 अप्रैल की रात को घर में घुसकर पूरी योजना के साथ हमला करने आया। उसने लकड़ी के खुरे और क्रिकेट बैट से दोनों महिलाओं पर ताबड़तोड़ हमला किया। शवों को निर्माणाधीन मकान में छिपा दिया और खून के निशान को धोकर खुद ट्रेन से रायपुर भाग गया।

जबरदस्त पुलिस कार्रवाई :

  • पुलिस ने आरोपी के बयान पर खून से सने कपड़े, हत्या में प्रयुक्त खुरे और बैट जैसे अहम सबूत जब्त किए हैं।
  • आरोपी शुभम सेठ को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया और रिमांड पर भेज दिया गया।
  • इस मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, एसपी श्री दिव्यांग पटेल, एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, सीएसपी आकाश शुक्ला और डीएसपी अनिल विश्वकर्मा ने सक्रिय रूप से नेतृत्व किया।

पुलिस की कार्यकुशलता और तेज़ कार्रवाई से यह मामला मात्र दो दिन में सुलझ गया, जिससे यह सिद्ध हो गया कि रायगढ़ पुलिस किसी भी जघन्य अपराध का तुरंत पर्दाफाश करने में सक्षम है। वरिष्ठ अधिकारियों और थाना स्टाफ की कड़ी मेहनत ने यह साबित किया कि पुलिस जब चाहे, तब अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचा सकती है।

पुलिस की कार्यकुशलता के इस उदाहरण ने ना केवल हत्या के मामले को सुलझाया, बल्कि पुलिस के प्रति विश्वास को भी मजबूती दी है।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)
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