रायगढ़

रायगढ़ : गांव का पंचायत भवन खंडहर बनने के कगार पर; जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि हुए लापरवाह…!!

“ग्रामीणों ने कहा,ग्राम सभा कभी कभार एक बार और वो भी प्राथमिक शाला भवन में…!! छोटे-मोटे काम के लिए लगाने पड़ते हैं, सरपंच सचिव के चक्कर!”

रायगढ़। जिले के धरमजयगढ तहसील में सरकार द्वारा ग्राम में ही आमजन को सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए ग्राम पंचायत भवन का निर्माण करवाया गया है। जिसमें पंचायत क्षेत्र के जन सुविधाओं के कार्य का संचालन एक छत के नीचे हो सके। लेकिन एक ऐसा ग्राम पंचायत जहां पर ग्राम पंचायत के भवन को छोड़कर सरपंच सचिव द्वारा सरपंच के घर या फिर प्राथमिक शाला भवनों में ग्राम सभा का बैठक कभी कभार किया जा रहा है। वही ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच सचिव के लापरवाही का नतीजा ही गांववासियों को भुगतना पड़ रहा है।

हम बात कर रहे हैं,धरमजयगढ जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत रूवाफुल का पंचायत भवन का जहां पर पंचायत भवन की स्थिति बद् से बद्तर हो चुकी है।

पंचायत भवन में न तो शौचालय है न ही अन्य कोई सुविधा। खिड़की और गेट भी जर्जर हो गए हैं। आलम यह है कि विभाग की लापरवाही के कारण से हर जगह कचरा ही कचरा पसरा है।पंचायत गेट के नजदीक दीवार टूटी हुई है। जिसकी मरम्मत नहीं की जा रही है। इस पर न तो जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं न ही पंचायत अधिकारी।

ग्रामीणों ने सरपंच सचिव के ऊपर आरोप लगाते हुए बताए कि हमारे ग्राम पंचायत में कभी कभार एक बार ग्राम सभा की बैठक होती है, और वो भी प्राथमिक शाला भवन में, सचिव तो कभी आते ही नहीं है। वर्तमान सरपंच का कार्यकाल पांच वर्ष बीतने को है, लेकिन आज तक एक बार भी पंचायत भवन का मरम्मत कार्य न साफ सफाई और न ही पंचायत में कभी बैठक हुई है।ग्रामीणों ने आगे बताया ,सचिव कभी पंचायत आते नहीं हैं, और कभी आ गये,तो सिर्फ सरपंच के घर में दिखाई देते हैं।

इसके संबंध में हमने ग्राम पंचायत सचिव कृष्णा नाई से जानकारी चाही, तो उन्होंने बताया कि पंचायत भवन जर्जर हालत में है, और सीपेज भी हो रहा,जिसके वजह से पंचायत में बैठक करना उचित नहीं है। और इसके संबंध में ग्राम पंचायत द्वारा विभाग को अवगत कराया गया है। जैसे ही विभाग से राशि स्वीकृत होगी, वैसे ही त्वरित पंचायत भवन का कार्य कराया जाएगा।

ऐसे में अब आगे यह देखने वाली बात होगी कि क्या इस भीषण समस्या से ग्रामवासियों को निजात मिलने वाली है,या फिर यह विकराल समस्या जस की तस रहने वाली है ।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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