रायगढ़ की रूह कंपा देने वाली त्रासदी : मां और दो मासूम बेटियों की सड़ी-गली लाशें पलंग पर मिलीं, घर से उठी बदबू ने खोला मौत का रहस्य! हत्या या आत्महत्या?…

रायगढ़, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से एक ऐसा मंजर सामने आया है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। छाल थाना क्षेत्र के किदा गांव में एक बंद मकान से उठती बदबू ने जो रहस्य उजागर किया, वह बेहद खौफनाक, दिल दहला देने वाला और सवालों से भरा है — पलंग पर एक साथ पड़ी मां और दो बेटियों की सड़ी-गली लाशें!
ये कोई आम मौत नहीं लगती, ये एक साजिश भी हो सकती है… एक चीखती हुई त्रासदी, जो समाज और सिस्टम दोनों से सवाल करती है।
दो दिनों से बंद था घर, लेकिन सिस्टम की चुप्पी भी बंद रही- गांव वाले दो दिनों से देख रहे थे कि घर बंद है। कोई आवाज नहीं, कोई आहट नहीं। लेकिन जब अंदर से बदबू ने नथुनों को चीरना शुरू किया, तब लोगों ने पुलिस को खबर दी। पुलिस पहुंची, दरवाजा अंदर से बंद मिला। जब दरवाजा तोड़ा गया और पुलिस अंदर घुसी, तो एक भयानक सन्नाटा पूरे कमरे में फैल गया — मां और दो बच्चियों की लाशें एक ही पलंग पर पड़ी थीं, जिनका शरीर सड़ चुका था।
सवालों की बौछार: ये मौत नहीं, मूक हत्या भी हो सकती है-
- क्या यह सामूहिक आत्महत्या है?
- या किसी ने इन तीनों को मार डाला और दरवाजा अंदर से बंद कर चला गया?
- कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, तो चुप्पी में छिपा है कौन सा राज?
- गांव, समाज और सिस्टम — सब चुप क्यों थे दो दिन तक?
मृतकों की पहचान :
- सुकांति साहू (मां)
- दो मासूम बेटियाँ — जिनके सपने, खेल, भविष्य अब एक पलंग पर सड़ते मिले!
फॉरेंसिक टीम सक्रिय, पर सवाल अब भी ज़िंदा हैं…
पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, लेकिन पूरे गांव में दहशत और आक्रोश है। क्या इनकी चीखें किसी ने सुनी नहीं? या सुनी और अनसुनी कर दी गईं?
ये घटना एक अलार्म है समाज के मरते जज़्बातों का, तटस्थ हो रहे पड़ोसियों का और सुस्त सिस्टम का!
यह सिर्फ एक घर में तीन लाशें नहीं हैं, यह उस ताने-बाने की चीर-फाड़ है जिसे हम समाज कहते हैं। यह उस चुप्पी का मातम है जो धीरे-धीरे मौतों को साधारण बना रही है।