रायगढ़

“रात की दबिश, दिन का खुलासा : डीजल माफियाओं पर पुलिस का करारा वार”…

रायगढ़, 1 मई। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ ज़िले के छाल थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात एक बड़े डीजल तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए एक संगठित गिरोह के तीन सदस्यों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 190 लीटर अवैध डीजल ज़ब्त किया है, जिसकी बाज़ार कीमत लगभग 17,860 रुपये बताई गई है।यह कार्रवाई न केवल अवैध ईंधन कारोबार पर करारा प्रहार है, बल्कि संगठित अपराध के खिलाफ पुलिस की सख्त मंशा का भी संकेत है।

मुखबिर से मिली थी पुख्ता सूचना, रातोंरात गिरी गाज : थाना प्रभारी निरीक्षक मोहन भारद्वाज को मुखबिर से खबर मिली थी कि ग्राम हाटी से धरमजयगढ़ मार्ग पर ढोडीखार के पास कुछ लोग ज्वलनशील पदार्थ डीजल का गैरकानूनी भंडारण और वितरण कर रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने बिना समय गंवाए दबिश दी और तीन तस्करों को रंगे हाथ धर दबोचा।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और गिरोह की संरचना : पकड़े गए आरोपियों में शामिल हैं:

  1. राजेश साव (32 वर्ष), निवासी सिथरा, थाना धरमजयगढ़, रायगढ़
  2. सोनू कुमार यादव (23 वर्ष), मूल निवासी जमोई, बिहार; हाल मुकाम – ग्राम हाटी, थाना छाल
  3. विजय कुमार साव (19 वर्ष), मूल निवासी लखीसराय, बिहार; हाल मुकाम – ग्राम हाटी, थाना छाल

तीनों के पास से प्लास्टिक जरिकेनों में 50, 20 और 10-10 लीटर डीजल मिला। किसी के पास भी वैध दस्तावेज या डीजल रखने का कानूनी अधिकार नहीं था।

संगठित अपराध की धाराएं, कठोर कानूनी कार्रवाई : पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 287, 112 और आवश्यक वस्तु अधिनियम (E.C. Act) के तहत अपराध क्रमांक 86/2025 दर्ज किया है। गिरफ़्तार आरोपियों को आज न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है और पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

कमान पर सख्त अधिकारी, टीम ने दिखाई मुस्तैदी : एसपी दिव्यांग पटेल के निर्देश, एसडीओपी प्रभात पटेल के मार्गदर्शन और निरीक्षक मोहन भारद्वाज के नेतृत्व में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। टीम में उप निरीक्षक मदन पटले, प्रधान आरक्षक शंभु पांडेय, आरक्षक होतेन्द्र जगत, प्रबंध राठिया, सतीश जगत, और दिलीप सिदार शामिल रहे।

क्या यह गिरोह किसी बड़े नेटवर्क से जुड़ा है? : पुलिस अब यह भी जांच रही है कि यह डीजल तस्करी केवल स्थानीय स्तर की है या इसके पीछे कोई बड़ा रैकेट सक्रिय है। बिहार से आए दो आरोपियों की मौजूदगी इस बात की ओर इशारा कर रही है कि यह मामला अंतरराज्यीय संगठित अपराध से जुड़ा हो सकता है।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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