कबीरधाम

भोरमदेव महोत्सव : भक्ति, संस्कृति और आस्था का महाकुंभ ; रघुवंशी के भजनों से गूंजा धाम, शिवभक्ति में झूमे श्रद्धालु…

कवर्धा, 27 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को संजोए हुए भोरमदेव महोत्सव इस वर्ष एक भव्य और भक्तिमय माहौल में प्रारंभ हुआ। अंतरराष्ट्रीय भजन गायक श्री हंसराज रघुवंशी की सुरीली वाणी ने जब “ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ रे…” और “मेरा भोला है भंडारी…” जैसे भक्ति गीतों की गूंज मंदिर परिसर में बिखेरी, तो पूरा वातावरण शिवमय हो उठा। श्रद्धालुओं के बीच एक अनोखी ऊर्जा प्रवाहित हो गई, और पूरा भोरमदेव मंदिर भक्तिरस में सराबोर हो गया।

हंसराज रघुवंशी के भजनों ने न केवल श्रद्धालुओं को भावविभोर किया, बल्कि भोरमदेव महोत्सव के आध्यात्मिक महत्व को भी और गहरा कर दिया। “शिव समा रहे मुझमें और मैं शून्य हो रहा हूं…” जैसे भजनों ने भक्तों को अध्यात्म और शांति का अहसास कराया। इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक श्री अनुराग शर्मा ने भी अपनी अनोखी गायकी से भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भोरमदेव महोत्सव में सिर्फ भक्ति संगीत ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति का अद्भुत संगम भी देखने को मिला। बैगा नृत्य, फाग गीत, लोककला, और स्कूली बच्चों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने पूरे आयोजन को संगीतमय और रंगारंग बना दिया।

इस अवसर पर प्रसिद्ध कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधा :

श्रीमती बसंता बाई और उनके साथियों ने बैगा नृत्य प्रस्तुत किया।
सुश्री गितिका बांसुरीली ने मधुर बांसुरी वादन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
ईशिका गिरी और रिती लाल ने अपनी कत्थक प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया।
श्रीमती संगीता चौबे ने भव्य भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी।
प्रमोद सेन और उनके साथियों ने छत्तीसगढ़ लोक कला मंच गहना-गाठी की शानदार झलक प्रस्तुत की।

इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया और यह साबित कर दिया कि यह महोत्सव केवल भक्ति का ही नहीं, बल्कि कला, संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने का भी एक महत्वपूर्ण मंच है।

भक्तिरस में डूबा भोरमदेव महोत्सव : महोत्सव के पहले दिन प्रदेशभर से हजारों श्रद्धालु पहुंचे, जिससे मंदिर परिसर का हर कोना भक्ति की गूंज से भर उठा। यह आयोजन सिर्फ एक महोत्सव नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और परंपरा का उत्सव बन गया।

भोरमदेव महोत्सव हर वर्ष नई ऊर्जा, उमंग और श्रद्धा के साथ आयोजित होता है। इस बार के भव्य आयोजन ने इसे और भी दिव्य और यादगार बना दिया। आने वाले दिनों में यह उत्सव और भी भव्यता के साथ जारी रहेगा, जिसमें श्रद्धालु और दर्शक भक्ति, संगीत और संस्कृति के इस संगम का आनंद लेंगे।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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