रायगढ़

बीमा के नाम पर बुजुर्ग से 5 लाख की ठगी! फर्जी दस्तावेज थमाकर रकम डकार गया शातिर, रायपुर से गिरफ्तार…

रायगढ़, 1 जुलाई 2025। रायगढ़ के एक बुजुर्ग दंपत्ति ने सुरक्षित भविष्य के लिए बीमा पॉलिसी में निवेश किया, लेकिन बदले में उन्हें मिला विश्वासघात, फर्जी दस्तावेज और लूटी हुई जिंदगी की जमापूंजी। इस दिल दहला देने वाले मामले में पुलिस ने रायपुर से एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को बीमा कंपनी का मैनेजर बताकर पूरे 5 लाख रुपये हड़प लिए।

घटना वर्ष 2020 की है। गजानंदपुर कॉलोनी निवासी बलबीर शर्मा बैंक में जमा के लिए पहुंचे थे, तभी उनका परिचित उन्हें एक कथित बीमा अधिकारी निकेश पांडेय से मिलवाता है। खुद को पीएनबी मेटलाइफ का मैनेजर बताने वाला ये व्यक्ति निवेश के नाम पर ऐसा झांसा देता है कि बलबीर शर्मा उसकी बातों में आकर पत्नी के नाम से पॉलिसी करवाने के लिए 5 लाख का चेक थमा देते हैं।

10 दिन बाद निकेश उनके घर दस्तावेजों की एक फाइल लेकर पहुंचता है — आकर्षक पॉलिसी पेपर, मुहरें और हस्ताक्षर… सब कुछ असली जैसा। परिवार को पूरा भरोसा हो जाता है कि उनका भविष्य अब सुरक्षित है।

लेकिन असली सदमा तब लगा जब पांच साल बाद पॉलिसी की अवधि पूरी होने पर बलबीर शर्मा बैंक पहुंचे। वहां यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि ऐसी कोई पॉलिसी कभी जारी ही नहीं हुई! जो कागज़ उन्हें दिए गए थे, वो नकली थे — और उनकी मेहनत की कमाई किसी निजी खाते में जा चुकी थी।

बर्बादी के इस अहसास के साथ जब उन्होंने आरोपी से संपर्क किया तो जवाब के नाम पर सिर्फ टालमटोल मिला। आखिरकार जब मामला पुलिस के पास पहुँचा, तो कोतवाली की टीम हरकत में आई। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रायपुर के टाटीबंध इलाके से आरोपी निकेश पांडेय को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में निकेश ने कबूला — उसने बीमा कंपनी में एक रुपया भी नहीं लगाया, सारे पैसे सीधे अपने खाते में डलवाए और निजी खर्चों में उड़ा दिए।

पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं इस आरोपी ने और लोगों को भी इसी तरह ठगा तो नहीं। मामले की तह में जाने के लिए पुलिस तकनीकी और वित्तीय एंगल से जांच कर रही है।

सबक: कोई भी निवेश करें, पहले जांचें – परखें – सोचें!

इस घटना ने एक बार फिर चेताया है कि ठग अब सिर्फ फोन या ऑनलाइन ही नहीं, आपके सामने खड़े होकर भी आपकी जेब साफ कर सकते हैं।
असली दस्तावेज की पहचान, बैंक में क्रॉस-वेरिफिकेशन और कोई भी बड़ा निवेश करने से पहले उसका सत्यापन आज की सबसे जरूरी सावधानी बन गई है।

चुप रहना ठगी को बढ़ावा देना है। ठगों के खिलाफ बोलिए, सतर्क रहिए, और दूसरों को भी सतर्क कीजिए।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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