बिलासपुर : फर्जी राशन कार्ड से चावल की हेराफेरीः अपनी गलती छिपाने दुकानदार को बनाया मोहरा…
बिलासपुर। 2 साल से लगातार सरकारी राशन की हड़पने के मामले में फूड कंट्रोलर ने अब शासकीय उचित मूल्य की दुकान के विक्रेता को मोहरा बनाया है। तकनीकी खामियां और गड़बड़ी सामने आने के बाद उन्होंने मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को प्रतिवेदन भेजा है।
बता दें कि खाद्य विभाग के अफसर और कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना APL कार्ड को बदलकर बीपीएल कार्ड बनाने का काम केवल विक्रेता नहीं कर सकता। इसके बावजूद जांच में विभाग के किसी अधिकारी-कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं की गई है।
दरअसल, जिले में पिछले 2 साल से APL कार्ड को बदलकर BPL कार्ड बनाने और मुफ्त में मिलने वाले सरकारी चावल में बड़े पैमाने पर हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। यह कारनामा किसी एक दुकान का नहीं, बल्कि कई दुकानों में किया गया है। जब APL कार्डधारियों को इसका पता चला तब उन्होंने मामले की शिकायत कलेक्टर से की। कलेक्टर अवनीश शरण ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को कमेटी बनाकर इसकी जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
फूड कंट्रोलर की भूमिका पर सवाल दरअसल, जिस तरह से APL कार्डधारियों का कूटरचना कर बीपीएल कार्ड बनाया गया है। यह काम केवल उचित मूल्य दुकान संचालक अकेले नहीं कर सकता। क्योंकि, इसके लिए आईडी पासवर्ड की जरूरत होती है। इसके साथ ही हितग्राही की अंगूठे का निशान भी लिया जाता है। विभाग के जानकारों का कहना है कि APL से BPL राशन कार्ड बनाना फूड कंट्रोलर की आईडी लॉगिन से ही संभव है। साल 2022 में एपीएल कार्ड को बीपीएल राशन कार्ड बनाने की बात कही जा रही है। इस पूरे मामले में फूड कंट्रोलर अनुराग भदौरिया की मिलीभगत की आशंका है।
गड़बड़ी सामने आने पर दुकान संचालक पर ठिकरा फोड़ने की तैयारी : विनोबा नगर में संचालित मैग्नेटो मॉल के पास जय माता दी प्राथमिकता उपभोक्ता भण्डार शासकीय उचित मूल्य दुकान (401001121) संचालित किया जा रहा है। यहां के एपीएल हितग्राहियों को बीपीएल कार्ड बनाया गया है।
कलेक्टर ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है, जिसके बाद इसकी जांच की जा रही है। लेकिन, शुरूआती जांच में ही दुकान संचालक को दोषी बता दिया गया है और फूड कंट्रोलर अनुराग भदौरिया अपना कारनामा छिपाने के लिए प्रतिवेदन बनाकर एफआईआर के लिए पुलिस को प्रतिवेदन भेज दिया है। सरकारी राशन गड़बड़ी मामले में कलेक्टर के आदेश पर खाद्य विभाग ने जांच दल गठित की। टीम ने जांच के दौरान पाया कि राशनकार्डधारियों जय प्रकाश द्विवेदी पिता बी.पी. द्विवेदी, सतीश चन्द्र सूरी पिता एस.एल. सूरी, चन्द्रनाथ चटर्जी पिता स्व. जी.डी. चटर्जी एवं रश्मि जैन पति सिद्धार्थ जैन को बीपीएल राशनकार्ड बनाकर सरकारी राशन गबन करने की पुष्टि हुई है।
जानकारों का कहना है कि बारीकी से जांच की जाए तो कूटरचना कर इस तरह की अनियमितता बरतने के और भी मामले सामने आएंगे।