बलरामपुर-रामानुजगंज

बलरामपुर : पति ने 2023 में किया था अंतिम संस्कार, अब बेटियों संग घर लौटी महिला…

◆ साल भर पहले रायगढ़ पुलिस को मिली बॉडी आखिर किसकी??…

बलरामपुर। जिले की ‘मृत’ महिला और 2 बेटियां एक साल बाद जिंदा लौट आई हैं। हैरानी की बात ये है कि एक साल पहले रायगढ़ में एक महिला और 2 बच्चियों की लाश मिली थी, जिसे अपनी पत्नी और बेटी समझकर पति अंतिम संस्कार कर चुका है। पूरा मामला पस्ता थाना क्षेत्र के बासेन का है। मिली जानकारी के मुताबिक अबुल हसन (40) की पत्नी का नाम राबिया (35) और 2 बेटियां सीजरा परवीन (6) और गुलस्ता परवीन (3) है। अब इनके जिंदा लौटने से रहस्यमयी केस के आते ही पुलिस के होश उड़ गए हैं। पुलिस अब उन 3 लाशों के बारे में सोच रही है, जिनका अंतिम संस्कार किया गया। आखिर किसकी थी वो लाशें ?…

पति अबुल हसन ने बताया कि वह टेलरिंग का काम करता है। 8 अगस्त 2023 को उसकी पत्नी घर से नाराज होकर 2 बेटियों के साथ घर छोड़कर चली गई थी। इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट उसने पस्ता थाने में दर्ज कराई थी। इसके बाद रायगढ़ के खरसिया पुलिस को 14 अगस्त 2023 को एक महिला और 2 बच्चियों की लाश देहजरी नदी में मिली थी। इसके बाद खरसिया पुलिस ने आस-पास के जिलों की पुलिस से संपर्क कर लाश के बारे में जानकारी जुटाई। इस दौरान पता चला कि बलरामपुर जिले के पस्ता थाने में एक महिला और 2 बच्चियों की गुमशुदगी दर्ज है। इसके बाद पुलिस ने महिला के पति अबुल हसन को फोटो दिखाकर शवों की शिनाख्त कराई।

अबुल हसन के मुताबिक पत्नी और बच्ची की कद काठी और रंग होने से शिनाख्त की, लेकिन उसे शक था कि ये उसकी पत्नी बेटियां नहीं हैं। शव सड़े-गले हालत में थे, जिससे आसानी से पहचान करना मुमकिन नहीं था। ऐसे में अबुल ने तीनों शवों को अपनी पत्नी और बेटी की होने की शंकाओं के बीच पुष्टि की। अबुल हसन ने बताया कि पुलिस जब पोस्टमॉर्टम कराकर तीनों लाशों को सौंपी, तो उसने अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद वह घर लौटकर आ गया। वह अपने 2 और बच्चों के साथ रहने लगा। इसी बीच महिला 4 महीने पहले अपने मायके झारखंड पहुंची। वहां से 1 महीने पहले अपने पति के पास लौटी।

रायगढ़ एएसपी आकाश मरकाम ने कहा कि खरसिया में एक साल पहले मिले शवों की शिनाख्त अबुल हसन ने की थी। अब उसकी पत्नी और दोनों बेटियां लौट आई हैं। एक सप्ताह पहले ही इसकी सूचना मिली। रायगढ़ पुलिस ने इसकी जांच कर ली है। अब खरसिया की नदी में मिले शवों की पहचान की कोशिश फिर से की जाएगी।

Ambika Sao

( सह-संपादक )
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