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फाइनल में धमाका ! भारत ने न्यूजीलैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी पर जमाया राज…

दुबई। भारतीय क्रिकेट टीम ने एक और गौरवशाली जीत दर्ज करते हुए चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया। दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 6 विकेट से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। इस शानदार जीत के साथ भारत ने टूर्नामेंट में अपनी अजेयता भी बरकरार रखी और लगातार तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचने का अनूठा रिकॉर्ड बना दिया।

ऐसे जीता भारत ने मुकाबला : टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 251 रन बनाए। डेरिल मिचेल ने 101 गेंदों में 63 रन की जुझारू पारी खेली, जबकि माइकल ब्रेसवेल ने 40 गेंदों में नाबाद 53 रन जोड़कर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। भारत की ओर से गेंदबाजी में मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह ने शानदार प्रदर्शन किया, सिराज ने 3 विकेट चटकाए जबकि बुमराह और कुलदीप यादव ने 2-2 विकेट लिए।

रोहित का जलवा, जडेजा का फिनिशिंग टच : 252 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने संयम और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण दिखाया। कप्तान रोहित शर्मा ने 76 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली, जबकि श्रेयस अय्यर ने 48 रन बनाकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। शुभमन गिल (31) और केएल राहुल (नाबाद 32) ने भी अहम योगदान दिया। आखिरी क्षणों में जब भारत को जीत के लिए कुछ ही रन चाहिए थे, तब रविंद्र जडेजा ने विजयी चौका लगाकर टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। भारतीय खिलाड़ियों ने स्टेडियम में मौजूद हजारों प्रशंसकों के बीच इस यादगार पल का जश्न मनाया।

इतिहास रचने वाली जीत : इस जीत के साथ भारतीय टीम ने खुद को विश्व क्रिकेट की एक अपराजेय ताकत के रूप में स्थापित कर लिया। भारत न सिर्फ टूर्नामेंट में अपराजित रहा, बल्कि चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में लगातार तीन फाइनल खेलने वाली पहली टीम बन गई। बीसीसीआई को इस शानदार जीत के लिए 2.24 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 20 करोड़ रुपये) की पुरस्कार राशि मिली, जबकि उपविजेता न्यूजीलैंड को 1.12 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 10 करोड़ रुपये) प्रदान किए गए।

भारतीय टीम की यह जीत आने वाले टूर्नामेंटों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। प्रशंसकों को उम्मीद है कि टीम इंडिया ऐसे ही प्रदर्शन जारी रखेगी और विश्व क्रिकेट में अपना दबदबा कायम रखेगी।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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