प्रयागराज : महाकुंभ में लोगों के आकर्षण का केंद्र बना छत्तीसगढ़ पैवेलियन…
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में सेक्टर-छह के लक्ष्मीद्वार के पास स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसका प्रवेश द्वार छत्तीसगढ़ की पहचान ‘गौर मुकुट’ के रूप में डिजाइन किया गया है, जो दूर से ही लोगों को आकर्षित करता है। प्रवेश द्वार पर बस्तर के प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात की तस्वीर लगी है, जिसे ‘भारत का नियाग्रा’ कहा जाता है।
पैवेलियन के भीतर छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित है, जो राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है। दाहिनी ओर राज्य की चार प्रमुख ईष्ट देवियों मां महामाया, मां चंद्रहासिनी, मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी की तस्वीरें और उनकी जानकारी प्रदर्शित की गई हैं। बाईं ओर छत्तीसगढ़ के जीवंत ग्रामीण परिवेश का चित्रण किया गया है, जिसमें परंपरागत ग्रामीण जीवन, आदिवासी कला, संस्कृति, आभूषण, वस्त्र समेत एक संपूर्ण गांव की झलक प्रस्तुत की गई है।
प्रदर्शनी में बस्तर के ढोकरा शिल्प और राज्य के राजकीय पशु व पक्षी को भी दर्शाया गया है। साथ ही, छत्तीसगढ़ सरकार की प्रमुख योजनाओं, जैसे ‘मोर आवास मोर अधिकार’ और 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी योजना की जानकारी भी साझा की गई है। इसके अतिरिक्त, सिरपुर और जैतखाम की प्रतिकृतियां राज्य की ऐतिहासिक विरासत के रूप में प्रदर्शित हैं।
श्रद्धालुओं को छत्तीसगढ़ राज्य और सरकारी योजनाओं की जानकारी वर्चुअल रियलिटी हेडसेट और 180 डिग्री वीडियो के माध्यम से दी जा रही है, जिससे लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। लोग लंबी कतारों में अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर इस पैवेलियन में राज्य के लोगों के लिए नि:शुल्क ठहरने की व्यवस्था भी की गई है, जिससे छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु महाकुंभ के दौरान सुविधाजनक अनुभव प्राप्त कर सकें। इस पैवेलियन को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो प्रयागराज में एक छोटा सा छत्तीसगढ़ बस गया हो, जो राज्य की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को प्रदर्शित करता है।