“प्यार और शादी का झांसा देकर युवती का किया बार-बार शारीरिक शोषण, महिला थाना की त्वरित कार्रवाई में आरोपी गिरफ्तार, भेजा गया जेल”

- रायगढ़, 23 जून 2025 – प्यार और शादी का झूठा सपना दिखाकर एक युवती का शारीरिक शोषण करने वाले आरोपी शुभम यादव उर्फ सिद्धु को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। महिला थाना की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के चलते न्याय की राह में बड़ी पहल हुई है।
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की धोखाधड़ी की कहानी नहीं, बल्कि उस सामाजिक सोच का आईना भी है, जिसमें भावनात्मक विश्वास का बेरहमी से दोहन किया जाता है।
कैसे बुना गया धोखे का जाल : 2019 में एक जन्मदिन समारोह के दौरान हुई पहली मुलाकात, फिर तस्वीरें भेजने के बहाने मोबाइल नंबर लेना, और धीरे-धीरे व्हाट्सएप से शुरू हुई बातचीत—यहीं से शुरू हुआ भरोसे का खिलवाड़। शुभम यादव ने युवती को प्रेम और विवाह का झांसा देकर भावनात्मक रूप से बांध लिया।
2020 में आरोपी ने अपने जन्मदिन पर युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाए और उसके बाद भी बार-बार शोषण करता रहा। हर बार यही भरोसा दिया गया “थोड़ा इंतज़ार करो, शादी ज़रूर करूंगा।”
झूठ की उम्र निकल गई, पीड़ा रह गई : फरवरी 2025 में जब युवती को शादी का आश्वासन फिर दोहराया गया, तब उसने अपने परिवार को भी भरोसे में ले लिया। लेकिन कुछ ही सप्ताह बाद आरोपी ने चौंकाने वाला तर्क देते हुए शादी से मुकर गया—“तुम मुझसे उम्र में बड़ी हो, अब शादी नहीं कर सकता।”
इस धोखे और लंबे समय से जारी शोषण से मानसिक रूप से टूट चुकी युवती ने हिम्मत जुटाकर महिला थाना पहुंच कर रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस की तत्परता बनी इंसाफ की उम्मीद : महिला थाना पुलिस ने अपराध क्रमांक 15/2025 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 69 बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया और आरोपी शुभम यादव (23 वर्ष), निवासी रेलवे बंगलापारा, थाना कोतवाली, रायगढ़ को तत्काल गिरफ्तार किया।
कानून का शिकंजा और पुलिस की जिम्मेदारी : आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। इस कार्रवाई में महिला थाना की उप निरीक्षक दीपिका निर्मलकर, एएसआई सरस्वती महापात्रे, प्रधान आरक्षक राजेश उरांव, आरक्षक गोविंद बनर्जी और कोतवाली पुलिस की भूमिका सराहनीय रही।
पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशन में रायगढ़ पुलिस महिलाओं से जुड़े मामलों में संवेदनशीलता और सख्ती दोनों के साथ कार्रवाई कर रही है। यह मामला इस बात का प्रमाण है कि यदि पीड़िता हिम्मत दिखाए और पुलिस सतर्क हो, तो न्याय देर नहीं करता।
समाज को यह समझने की जरूरत है कि प्रेम और रिश्तों के नाम पर भावनात्मक धोखा और शारीरिक शोषण भी अपराध है। ऐसे मामलों में चुप रहना नहीं, बल्कि सामने आना ही सबसे बड़ा साहस है।