“जिंदा गाय को ले जाकर किया वध, गौमांस पकड़ा… जशपुर पुलिस ने किया पर्दाफाश, पांच आरोपी गिरफ्तार”…

जशपुर, 22 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में गौहत्या की एक शर्मनाक साजिश को जशपुर पुलिस ने ‘ऑपरेशन शंखनाथ’ के तहत विफल कर दिया। थाना सन्ना अंतर्गत ग्राम तोरा में पांच युवकों द्वारा एक जीवित घायल गाय को वध कर मांस भक्षण की तैयारी की जा रही थी। पुलिस ने सूचना मिलते ही दबिश देकर पांचों आरोपियों को रंगेहाथ धर दबोचा और मौके से गौमांस जब्त किया।
गिरफ्तार आरोपी :
- अयूब कुजूर (37 वर्ष)
- निलेश एक्का (40 वर्ष)
- दिनेश टोप्पो (32 वर्ष)
- आकाश उर्फ अवकाश तिर्की (26 वर्ष)
- रोहित तिर्की (33 वर्ष)
(सभी निवासी ग्राम तोरा पारासुरा, थाना सन्ना, जिला जशपुर)
घटना का विवरण –
प्रार्थी दिलीप तुरी (40 वर्ष) ने थाना सन्ना में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके घर के सामने स्थित गोठान के पास घुईकोना नाला में एक गाय घायल अवस्था में पड़ी थी, जो कुछ समय बाद वहां से गायब हो गई। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, उक्त गाय को पांच आरोपियों द्वारा नाला के पास वध कर मांस पकाया जा रहा था।
सूचना मिलते ही थाना सन्ना पुलिस की टीम ने तत्परता से मौके पर पहुंचकर अयूब कुजूर के पास से झोले में रखा गौमांस बरामद किया तथा अन्य चार साथियों को भी मौके से गिरफ्तार किया। पूछताछ में सभी आरोपियों ने गाय का वध कर मांस बनाने की बात स्वीकार की है।
कानूनी धाराएं –
- भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 325
- छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4, 5, 6 एवं 10 के तहत अपराध पंजीबद्ध
न्यायिक प्रक्रिया –
सभी आरोपियों को दिनांक 21 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
पुलिस टीम की निर्णायक भूमिका : इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक बृजेश यादव, स.उ.नि. वैभव सिंह, प्र.आर. सुमन टोप्पो, आरक्षक अभय चौबे, प्रवीण खलखो, मनोज जांगड़े, विमलेश्वर एक्का एवं संतोष प्रजापति की सराहनीय भूमिका रही।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह ने दी चेतावनी : “गौ-वंश से जुड़ी किसी भी आपराधिक गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें। कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। समाज में धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले किसी भी कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
जशपुर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल कानून की रक्षा है, बल्कि जनभावनाओं और धार्मिक आस्थाओं के सम्मान की मिसाल भी है। ‘ऑपरेशन शंखनाथ’ अब सिर्फ एक मिशन नहीं, अपराधियों के लिए खौफ का पर्याय बन चुका है।