जस्टिस संजीव खन्ना बने देश के 51वें सीजेआई, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ…
◆ छह महीने के कार्यकाल में देंगे कई सुप्रीम निर्णय…
नई दिल्ली। जस्टिस संजीव खन्ना देश के 51वें चीफ जस्टिस बन गए हैं। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना पूर्व सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 10 नवंबर को खत्म हुआ है।
जस्टिस संजीव खन्ना का जीवन परिचय : जस्टिस खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली में हुआ था और लॉ की पढ़ाई उन्होंने डीयू के कैंपस लॉ सेंटर से की। उन्हें 2004 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्ति मिली और 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट में एडहॉक जज बने। बाद में उन्हें स्थायी जज नियुक्त कर दिया गया। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त लोक अभियोजक और न्याय मित्र के तौर पर कई आपराधिक मामलों में बहस भी की थी। आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के तौर पर भी उनका कार्यकाल लंबा रहा। बतौर सीजेआई लंबित मामलों की संख्या घटाना और न्याय प्रदान करने में तेजी लाना उनकी प्राथमिकता में है। वह दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश रहे जस्टिस देवराज खन्ना के पुत्र और सर्वोच्च न्यायालय के जाने-माने पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एचआर खन्ना के भतीजे हैं। उनके चाचा जस्टिस एचआर खन्ना 1976 में आपातकाल के दौरान एडीएम जबलपुर मामले में असहमतिपूर्ण फैसला लिखने के बाद इस्तीफा देकर सुर्खियों में रहे थे।
कैसा रहा है संजीव खन्ना का अब तक का कार्यकाल?
- जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगाने वाली पीठ में भी जस्टिस संजीव खन्ना मौजूद थे।
- संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के कदम को बरकरार रखा. इस आदेश ने राज्य का दर्जा बहाल करने का भी निर्देश दिया।
- जस्टिस खन्ना ने सीजेआई और जस्टिस कौल के दिए गए निर्णयों से सहमति जताई।
- जस्टिस संजीव खन्ना उस दो न्यायाधीशों की बेंच के भी अगुआ रहे, जिसनें दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी।
- 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ एक वकील के रूप में नामांकित हुए संजीव खन्ना ने शुरुआत में दिल्ली के तीसहजारी परिसर में स्थित जिला न्यायालय और बाद में दिल्ली हाई कोर्ट और संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता जैसे विविध क्षेत्रों में न्यायाधिकरणों में प्रैक्टिस की।
- साल 2004 में वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के लिए स्थायी वकील नियुक्त हुए।
- दिल्ली हाईकोर्ट में वो अतिरिक्त लोक अभियोजक और एमिकस क्यूरी के रूप में कई आपराधिक मामलों में भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई।
- दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में 2005 में पदोन्नत हुए व 2006 में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए।
- दिल्ली उच्च न्यायालय के जज रहते हुए, जस्टिस खन्ना ने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्र के अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश का पद संभाला.
- 18 जनवरी, 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष का पद संभाला. वह मौजूदा वक्त में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं.