जशपूर : अवैध छात्रावास के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज…
जशपुर। शहर के करबला रोड स्थित दीपू बागान में संचालित अवैध हॉस्टल के संचालकों के विरुद्ध कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर ली है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने मामले की शिकायत की थी। दीपू बागान में बने आदिवासी कला केन्द्र भवन में रविशंकर राम भगत और कुलदीप खलखो द्वारा हॉस्टल का संचालन किया जा रहा था।
रिपोर्ट में जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि इस हॉस्टल का संचालन बिना पंजीयन के किया जा रहा था। यहां तीन से 14 साल के 29 बालक-बालिकाओं को रखा गया था। जहां उन्हें शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न भी दिया जा रहा था। 10 अगस्त को जशपुर एसडीएम प्रशांत कुशवाहा, सीएमओ जशपुर के आवेदन पर आदिवासी कला केन्द्र दीपू बगीचा जशपुर के अन्तर्गत सरहुल पूजा स्थल का आकस्मिक निरीक्षण किया गया था। पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, श्रम विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग और नगरपालिका परिषद जशपुर के अधिकारी, कर्मचारी एवं उरांव समाज के प्रमुख लोगों की उपस्थित में जांच हुई।
जांच के दौरान पाया गया कि मौके पर निर्मित भवन (आदिवासी संस्कृति कला केन्द्र तथा राजी पड़हा भवन) का छात्रावास के रूप में उपयोग हो रहा है। वहां महामानव कार्तिक उरांव विद्यालय राजी पड़हा टिकैतगंज में संचालित स्कूली बच्चों को रखा जाता है।
- संस्था में उपस्थित संस्था संचालक शिवशंकर राम भगतव कुलदीप खलखो ने छात्रावास को लेकर कोई दस्तावेज नहीं दिखाए। उपस्थित संचालक ने उक्त संस्था को बिना पंजीयन के संचालन करना बताया। इसके लिए किसी से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
- यहां रखे बच्चों के परिजन से कोई सहमति नहीं ली गई थी। सहमति पत्र प्रशासन को नहीं मिला।
- तीन बच्चे तेज बुखार से पीड़ित थे, पर उनका उपचार नहीं कराया जा रहा था। मौके पर कोई अस्पताल पर्ची या दवा नहीं मिली।
- चिरायु टीम की जांच में 15 बच्चे कुपोषित मिले और एक बालिका में हीमोग्लोबीन का स्तर 8 ग्राम मिला। जो गंभीर था।
- हॉस्टल में बच्चों के लिए बेड, मच्छरदानी व साफ पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी।
- संस्था में बंगाल का मूल निवासी एक अनाथ बच्चा मिला। अनाथ बालक को बाल कल्याण समिति के आदेश के बगैर रखा गया था।
- संस्था में टीकाकरण का रजिस्टर नहीं था, उनके नियमित खाने का कोई डाइट मेन्यू चार्ट नहीं था, भोजन की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी।