जशपुर : मां की ममता, पुलिस की मुस्तैदी और सोशल मीडिया की ताक़त ने 12 घंटे में मासूम को अपहरणकर्ता के चंगुल से छुड़ाया, आरोपी गिरफ्तार…

जशपुर, 18 मई 2025। जशपुर में शनिवार रात जो कुछ हुआ, वह किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं था—लेकिन इस बार हीरो कोई सुपरस्टार नहीं, बल्कि जशपुर की सजग पुलिस, एक जागरूक सरपंच और सोशल मीडिया बना। महज़ 12 घंटे के भीतर डेढ़ साल के मासूम बच्चे को अपहरणकर्ता के चंगुल से सकुशल छुड़ाकर परिजनों को सौंपने वाली जशपुर पुलिस ने यह सिद्ध कर दिया कि छत्तीसगढ़ पुलिस न केवल वर्दी पहनती है, बल्कि जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की मिसाल भी है।
घटना जिसने पूरे जिले को झकझोर दिया : दिनांक 17 मई की रात लगभग 8 बजे, आरती यादव (उम्र 18 वर्ष), अपने 1 वर्ष 5 माह के मासूम बेटे के साथ अंबिकापुर से जशपुर स्थित ससुराल आई थी। बस स्टैंड के प्रतीक्षालय में वह अपने पति राजधर यादव का इंतज़ार कर रही थी कि तभी एक अजनबी व्यक्ति उसके पास आया और बोला, “आपके बच्चे को पेप्सी पिलाकर लाता हूं।” महिला द्वारा मना करने पर भी वह नहीं माना और जबरदस्ती बच्चे को गोद में उठाकर बस स्टैंड परिसर की ओर चला गया।
बच्चे की मां ने आसपास खोजबीन की, लेकिन जब कोई सुराग नहीं मिला, तो वह तुरंत जशपुर थाना पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस की तेजी और तत्परता बनी मासूम की ढाल :मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक जशपुर ने तत्काल एक विशेष टीम का गठन किया, जिसका नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कर रहे थे। थाना प्रभारी, साइबर सेल और फील्ड टीमें सक्रिय हो गईं।
घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और संदिग्ध की पहचान के प्रयास शुरू हुए। बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया और पुलिस नेटवर्क के माध्यम से तेजी से प्रसारित की गई। साथ ही बस स्टैंड और आस-पास के क्षेत्रों में सघन चेकिंग शुरू की गई।
सोशल मीडिया बना संकट में संजीवनी : बच्चे की तस्वीर वायरल होते ही मोटू जकबा ग्राम के सरपंच मनोज को जानकारी मिली। उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचित किया कि उनके गांव में एक बच्चा संदिग्ध परिस्थितियों में देखा गया है।
पुलिस टीम तत्काल गांव पहुंची और बच्चे को सुरक्षित अपने कब्जे में लिया। बच्चे की शिनाख्त उसके परिजनों द्वारा की गई। मां की आंखों में आंसू थे—लेकिन इस बार ये आंसू भय के नहीं, राहत और कृतज्ञता के थे।
अपहरणकर्ता की पहचान और गिरफ्तारी : गिरफ्तार आरोपी की पहचान आवेश पन्ना, पिता सुधीर पन्ना, उम्र 25 वर्ष, निवासी बाधरकोना, तपकरा के रूप में हुई है। स्थानीय लोगों के अनुसार वह कोई काम नहीं करता, नशे का आदी है और अक्सर बस स्टैंड के आसपास संदिग्ध रूप से घूमता रहता था।
उसके विरुद्ध थाना जशपुर में अपराध क्रमांक 127/25, धारा 137(2) BNS के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना जारी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि यह मामला केवल अपहरण तक सीमित था या इसके पीछे कोई और बड़ी साजिश छिपी है।
एक ऑपरेशन जो मिसाल बन गया :
- मात्र 12 घंटे में सकुशल रेस्क्यू
- सोशल मीडिया से अहम सूचना
- साइबर सेल और फील्ड टीम का संयुक्त एक्शन
- अपहरणकर्ता गिरफ्तार, मासूम सुरक्षित
यह केवल एक बचाव नहीं, चेतावनी भी है :यह घटना हर माता-पिता के लिए चेतावनी है कि वे सार्वजनिक स्थलों पर अतिरिक्त सतर्क रहें। और साथ ही यह भरोसा भी देती है कि जब समाज जागरूक हो और पुलिस सक्रिय, तो कोई भी मासूम अकेला नहीं होता।