जशपुर : गौवंशों की तस्करी मामले में 9 तस्कर गिरफ्तार ; जुलूस निकालकर लगवाए नारे- गौ तस्करी पाप है
◆ अलग अलग थाना क्षेत्रों में हुई कार्रवाई, गो-तस्करी में जब्त वाहन होंगे राजसात…
जशपुर। मवेशी तस्करी के खिलाफ जशपुर जिला पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। बुधवार की अलसुबह मवेशी तस्करी के लिए बदनाम गांव साईंटांगरटोली में ऑपरेशन शंखनाद के तहत कार्रवाई करने के बाद पुलिस ने जिलेभर में सर्च ऑपरेशन चलाया।
लोदाम पुलिस ने गुरुवार को ग्राम साईंटांरटोली से पकड़े गए कुख्यात तस्करों की रैली निकाली। यह वे बदमाश थे, जो पुलिस पर हमला करने और पुलिस पार्टी को वाहन से कुचलने से भी पीछे नहीं हटते थे। ऐसे आरोपियों को पुलिस ने सड़क पर घुमाते हुए नारे लगवाए गौ तस्करी पाप है, पुलिस हमारा बाप है। पुलिस की इस कार्रवाई की सभी तरफ प्रशंसा हो रही है। सर्च ऑपरेशन में पुलिस को सफलता मिली। लोदाम पुलिस ने सात और उपरकछार चौकी पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
वहीं जिलेभर से कुल 52 मवेशी तस्करों के चंगुल से छुड़ाए गए हैं। साईंटांगरटोली गांव से पुलिस ने आरोपी मो. हुसैन अली (23) निवासी नगड़ी जिला रांची झारखंड, मो. इमरान (23) निवासी केराडीह थाना नारायणपुर, मो. हलीम शाह (21) निवासी सिसई झारखंड और ग्राम साईंटांगरटोली निवासी मो. महबूब आलम (25) साईंटांगरटोली, मो. अफताब खान (24), मो. जुनैद खान (23) और स्थायी वारंटी मो. तौहिद खान (28) को गिरफ्तार किया है। इसी तरह से ऊपरकछार चौकी पुलिस ने रंजीत केरकेट्टा (40) निवासी लठबोरा चौकी उपराकछार और देवकरण भीतरिया (27) निवासी जड़ाटोली चौकी बनडेगा थाना तलसरा ओड़िशा के कब्जे से 9 मवेशी जब्त किए।
पुलिस को देखकर जंगल के रास्ते भाग निकले बदमाश कोतबा क्षेत्र में भी सर्च ऑपरेशन चलाकर ग्राम हल्दीझरिया की तरफ से पीठाआमा की ओर पैदल गौ-तस्करी कर रहे लोगों को पुलिस ने घेरा था। पर तस्कर पुलिस को देखकर जंगल के रास्ते का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। यहां से पुलिस ने आठ मवेशी जब्त किए हैं। एसपी ने कहा कि तस्करों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
एक भी खुले मवेशी नहीं सभी का खेती में उपयोग पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद तस्करी की घटनाएं थमी नहीं हैं। इससे साफ जाहिर है कि बड़े पैमाने पर आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले से पशुधन को बूचड़खाने तक पहुंचाने का काला कारोबार चलता रहा है। इधर पशु चिकित्सा विभाग की मानें तो जशपुर जिले में आवारा मवेशी नहीं हैं। क्योंकि यहां नर पशुओं का उपयोग खेती के काम में होता है।