बिलासपुर

छत्तीसगढ़ :  वन विभाग ने तोते सहित अन्य पक्षियों को विभाग में जमा कराने जारी किया आदेश ; नहीं करने पर हो सकती है जेल…

◆ बिलासपुर DFO ने दिया 7 दिन का अल्टीमेटम, टोल-फ्री नंबर भी जारी…

छत्तीसगढ़ । वन विभाग ने तोता और अन्य पक्षियों की बिक्री करने, उसे पिंजरे में कैदकर पालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। बिलासपुर DFO ने पक्षी पालने वालों को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है। ऐसा नहीं करने पर जेल भी जाना पड़ सकता है। सभी पक्षियों को पिंजरे से निकालकर कानन पेंडारी जू प्रबंधन को सौंपने कहा है। इसके लिए टोल फ्री (18002337000) नंबर भी जारी किया गया है।

ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा। आदेश के बाद तोता सहित पक्षी पालने वालों में हड़कंप मच गया है।

दरअसल, विभाग की निष्क्रियता और ध्यान नहीं देने के कारण धड़ल्ले से खरीदी बिक्री हो रही है। प्रतिबंधित पक्षियों को लोग पाल भी रहे हैं। इस पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने नाराजगी जाहिर की है।

राज्य पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने वन विभाग ने निर्देश पर प्रदेश भर में तोता सहित वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की अधिसूची में दर्ज सभी पक्षियों को वन विभाग को सौंपने का आदेश जारी किया है।

तोता सहित अन्य पक्षी पालना है अपराध : वन विभाग के अफसरों के अनुसार तोता या अन्य पक्षी, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधित मई-2022 की अनुसूची में शामिल है, उनकी खरीदी, बिक्री और पालन करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

वन विभाग की टीम करेगी छापेमारी : वन विभाग से आदेश जारी होने के बाद अब तय समय के भीतर तोता सहित पक्षियों को कानन पेंडारी जू में जमा करना होगा। तय समय सीमा पूरी होने के बाद वन विभाग की टीम लोगों के घरों में जाएगी और पक्षी पालने की शिकायत मिलने पर छापेमारी कर कार्रवाई करेगी।

आदेश के बाद भी पक्षियों को पिंजरे में कैद रखने पर उनके खिलाफ केस दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। आदेश जारी होने के बाद यहां अब सख्ती बरतने की तैयारी है। वनकर्मियों, अधिकारी से लेकर उड़नदस्ता को जांच के निर्देश दिए गए हैं।

स्वस्थ पक्षी तत्काल किए जाएंगे आजाद : मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि पक्षियों को पास के शासकीय चिड़ियाघर को सौंपे जाएंगे। अगर कोई पक्षी स्वस्थ है तो उसे तत्काल प्राकृतिक रहवास क्षेत्र में छोड़ना है। चिड़ियाघर में केवल उन्हीं पक्षियों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा, जो अस्वस्थ हैं। वन्य प्राणी डॉक्टर्स उनका इलाज करेंगे। जब वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे, इन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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