छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में  10 पर बीजेपी का कब्जा : रायपुर में भाजपा की सबसे बड़ी जीत, भूपेश बघेल के हाथ से फिसला राजनांदगांव…

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने 10 तो कांग्रेस ने 1 सीट पर जीत दर्ज की है। 2019 में कांग्रेस ने 2 सीट जीती थी, लेकिन इस बार उसके हाथ से बस्तर फिसल गया। यहां से विधायक कवासी लखमा हार गए हैं। वहीं राजनांदगांव से भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 44 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हारे हैं। कोरबा एक मात्र सीट कांग्रेस के हाथ आई है। यहां से सांसद ज्योत्सना महंत ने फिर जीत दर्ज की। उन्होंने भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय को 43 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है।

सबसे बड़ी जीत भाजपा को रायपुर में मिली है। भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय को 5 लाख 75 हजार 285 वोटों से हराया है। जीत का यह अंतर कांग्रेस प्रत्याशी (475066) को मिले वोटों से भी ज्यादा है। भाजपा का वोट शेयर छत्तीसगढ़ में हर सीट पर हर बार करीब 1 प्रतिशत तक बढ़ा है। सबसे ज्यादा अंतर रायपुर में आया है। इस बार 66.19% वोट भाजपा को मिले हैं। वहीं कांकेर में इस बार भाजपा ने महज 0.15 प्रतिशत के अंतर से जीत हासिल की है।

छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों का डिटेल रिजल्ट…

(01) रायपुर : यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। यहां 1996 से भाजपा लगातार जीतती आ रही है। इस बार भाजपा ने कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मैदान में उतारा और उन्होंने प्रदेश में जीत का रिकॉर्ड बना दिया।

(02) बस्तर : बस्तर को एक बार फिर भाजपा ने कांग्रेस से छीन लिया है। महेश कश्यप ने 55 हजार 245 वोटों से कवासी लखमा को शिकस्त दी है।

(03) बिलासपुर : ये सीट पिछले 40 साल से भाजपा का गढ़ बनी हुई है। तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस यहां सेंध लगाने में कामयाब नहीं हुई।

(04) दुर्ग : इस सीट को एक समय तक कांग्रेस की पारंपरिक सीट माना जाता था, लेकिन इस बार भाजपा के विजय बघेल ने अपनी जीत को दोहराते हुए बड़े मार्जिन (438226 वोट) से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया।

(05) जांजगीर-चांपा : जांजगीर-चांपा सीट से इस बार भाजपा की कमलेश जांगड़े 60 हजार वोटों से जीती हैं। उन्होंने कांग्रेस की प्रदेश सरकार में मंत्री रहे शिव डहरिया को हराया। हालांकि जीत का मार्जिन महज 4.31% ही है।

(06) कांकेर : कांकेर लोकसभा सीट ही ऐसी है, जहां भाजपा और कांग्रेस की हार-जीत का मार्जिन सबसे कम है। भाजपा के भोजराज नाग ने कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर को महज 1884 वोटों से हराया है। इससे ज्यादा वोट नोटा को मिले हैं।

(07) महासमुंद : महासमुंद सीट पर पहली बार कोई महिला संसद में जाएगी। यहां से भाजपा की रूप कुमारी चौधरी ने पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू को 1 लाख 45 हजार 456 वोटों से हराया है।

(08) रायगढ़ : यह सीट हमेशा से भाजपा की रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय व ओपी चौधरी की प्रतिष्ठा इस सीट से जुड़ी हुई थी। 25 सालों बाद राजपरिवार की सदस्य मेनका सिंह को कांग्रेस ने यहां से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें राधेश्याम राठिया से 2 लाख 40 हज़ार से अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

(09) राजनांदगांव : इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हार का सामना करना पड़ा है। यह सीट कांग्रेस की प्रतिष्ठा से भी जुड़ी हुई थी। इसके चलते रायपुर से दिल्ली तक इस पर नजर थी। यहां से सांसद संतोष पांडेय ने 44 हजार 411 वोटों से जीत दर्ज है।

(10)  कोरबा : यही एक मात्र सीट है, जो कांग्रेस के खाते में गई है। ज्योत्सना महंत ने भाजपा की कद्दावर महिला नेता सरोज पांडेय को हराया है। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत दोबारा चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। पिछली बार जब प्रचंड मोदी लहर थी, तब भी वे यहां से जीती थीं। ऐसी चर्चा है कि पार्टी के ही कई दिग्गज नहीं चाहते थे कि सरोज चुनाव जीतें। कोरबा में उन्हें स्थानीय नेताओं का वैसा सहयोग भी नहीं मिला, जो मिलना चाहिए था। यहां पिछले 5 लोकसभा चुनाव से कांग्रेस का ही कब्जा है। इससे पहले ज्योत्सना महंत के पति डॉ. चरणदास महंत सांसद थे।

(11) सरगुजा : सरगुजा से भाजपा के चिंतामणि महाराज जीते हैं। चुनाव से पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने कांग्रेस की शशि सिंह को हराया। सरगुजा से भाजपा की लगातार यह 5वीं जीत है।

Ambika Sao

सह-संपादक : छत्तीसगढ़
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