छट्ठी की खुशियां मातम में बदली – मामूली विवाद ने ली बुज़ुर्ग की जान, आरोपी अर्जुन खड़िया गिरफ्तार…

रायगढ़। एक पारिवारिक आयोजन की शाम उस समय खूनी वारदात में बदल गई, जब मामूली विवाद ने एक निर्दोष बुज़ुर्ग की जान ले ली। खरसिया थाना क्षेत्र के ग्राम तुरेकेला में छट्ठी कार्यक्रम के दौरान हुई इस दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है।
3 जुलाई की रात तुरेकेला गांव के संपत खड़िया के घर छट्ठी का कार्यक्रम आयोजित था। सैकड़ों ग्रामीण इस पारिवारिक आयोजन में शामिल थे, तभी अर्जुन खड़िया नामक युवक और जगन्नाथ खड़िया के बीच किसी बात को लेकर हंसी-मजाक में बहस शुरू हुई। पहले तो मौजूद लोगों ने इसे हल्के में लिया, लेकिन माहौल तब बिगड़ा जब अर्जुन ने गुस्से में कार्यक्रम छोड़कर चला गया।
कुछ ही देर में अर्जुन खड़िया तलवार लेकर कार्यक्रम स्थल पर लौटा। गुस्से में तमतमाया अर्जुन लोगों को डराने-धमकाने लगा। 65 वर्षीय केन्दाराम खड़िया ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन अर्जुन ने उनकी शांति और समझाइश को ठुकरा दिया। थोड़ी देर बाद जब केन्दाराम पेशाब करने बाहर निकले, अर्जुन ने पीछे से उन पर तलवार से ताबड़तोड़ वार कर दिया। खून से लथपथ केन्दाराम की मौके पर ही मौत हो गई।
वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। मृतक की बेटी सुकवारा बाई खड़िया की रिपोर्ट पर खरसिया थाना में अपराध क्रमांक 366/2025 दर्ज किया गया। मामला आईपीसी की धारा 103(1) और आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27 के तहत दर्ज हुआ।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, आरोपी सलाखों के पीछे : एसपी दिव्यांग पटेल और एसडीओपी प्रभात पटेल के मार्गदर्शन में खरसिया पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी अर्जुन सिंह खड़िया (26 वर्ष) को धर दबोचा। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। हत्या में प्रयुक्त तलवार भी बरामद कर ली गई है।
पुलिस टीम में शामिल निरीक्षक राजेश जांगड़े, उप निरीक्षक अमरनाथ शुक्ला, प्रधान आरक्षक अशोक देवांगन, आरक्षक योगेश साहू और सत्यनारायण सिदार ने अथक प्रयास कर इस सनसनीखेज मामले को सुलझाया।
आरोपी अर्जुन सिंह खड़िया, पेशे से हमाल (मजदूर), मृतक के घर के पास ही रहता था। आज उसे खरसिया न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
गांव में पसरा सन्नाटा, पीड़ित परिवार सदमे में : जिस घर में नवजात के स्वागत का उत्सव था, वहां अब मातम पसरा है। गांव के लोग इस निर्मम हत्या से स्तब्ध हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
यह वारदात एक बार फिर दर्शाती है कि मामूली विवाद किस तरह जानलेवा बन सकता है। पुलिस की सतर्कता सराहनीय है, लेकिन समाज को भी आत्म-नियंत्रण और संवाद की संस्कृति अपनाने की ज़रूरत है, ताकि इस तरह की घटनाएं दोहराई न जाएं।