रायगढ़

चार नाबालिगों को हथियार बना बनाया था ‘अपराध का औजार’, 48 घंटे में गजानंदपुरम चोरी का खुलासा : महिला व युवक गिरफ्तार, ₹87,000 नकद समेत मोबाइल व साइकिल बरामद…

रायगढ़। ‘कानून के डर से नहीं, उसकी खामियों का फायदा उठाकर किया जुर्म’ — गजानंदपुरम कॉलोनी की सनसनीखेज चोरी मामले में रायगढ़ पुलिस ने जबरदस्त खुलासा किया है। चोरी की इस घटना के पीछे चार नाबालिगों को मोहरा बनाकर एक महिला और एक युवक द्वारा पूरा प्लान रचा गया था। महज 48 घंटे के भीतर पुलिस ने इस वारदात की गुत्थी सुलझाकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

18 अप्रैल को दिनदहाड़े गजानंदपुरम में हुई थी चोरी : मामले की शुरुआत उस वक्त हुई जब पीड़ित मनोज कुमार ओझा (उम्र 45) ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वे सुबह 10:30 बजे चांदनी चौक स्थित अपने ऑफिस गए थे। शाम करीब 5 बजे लौटे तो देखा कि घर का मेन गेट टूटा हुआ है और कमरों का सारा सामान अस्त-व्यस्त पड़ा है। दराज में रखे ₹2.5 लाख नकद और सोने के आभूषण (कीमत ₹3.5 लाख) गायब थे।

सीसीटीवी, डॉग स्क्वॉड और साइबर सेल की टीम एक्शन में आई : एसपी दिव्यांग कुमार पटेल के आदेश पर नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला, कोतवाली स्टाफ, डॉग स्क्वॉड और साइबर टीम तत्काल मौके पर पहुंची। इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और संदिग्धों पर नजर रखी गई। कुछ ही घंटों में सूत्रों से चार नाबालिगों की संलिप्तता की पुख्ता जानकारी मिली।

चौंकाने वाला खुलासा ‘नाबालिगों से करवाया अपराध’ : पुलिस पूछताछ में इन चार विधि से संघर्षरत किशोरों ने चोरी की बात कबूल की और बताया कि सुरज अग्रवाल (20) और कुसुम एक्का (37) ने उन्हें इस अपराध के लिए उकसाया था। आरोपी कहते थे, “नाबालिगों पर कानून सख्त नहीं होता, पकड़े भी गए तो जल्दी छूट जाओगे।”

लूट का बंटवारा भी तय था :

  • ₹45,000 — सुरज अग्रवाल को
  • ₹42,000 — कुसुम एक्का को
    बाकी रकम किशोरों ने खाने-पीने और घूमने में खर्च कर दी।

गिरफ्तार आरोपी :

  1. सुरज अग्रवाल (20), हण्डी चौक रायगढ़
  2. कुसुम एक्का (37), जवाहर नगर रामभांठा
  3. चार किशोर बालक, जिन्हें सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

बरामदगी:

  • ₹87,000 नगद
  • मोबाइल फोन
  • चोरी में प्रयुक्त साइकिल

कानूनी धाराएं और टीम की भूमिका : प्राथमिक FIR में दर्ज धाराओं के अलावा आपराधिक षड्यंत्र व बालकों के शोषण के मद्देनज़र भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 95 और 3(5) भी जोड़ी गई है। इस कार्यवाही में उप निरीक्षक ऐनु देवांगन, मनीष कांत, एएसआई कोसो सिंह, प्रधान आरक्षक दिलीप भानु, आरक्षक मनोज पटनायक, उत्तम सारथी और साइबर सेल टीम की उल्लेखनीय भूमिका रही।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)
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